मत बर्बाद करो जल, नहीं तो इसके लिए तरसोगे कल – जल है तो कल है नहीं तो सूखा नल है

फतेहपुर। पानी की बर्बादी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार जन-जन तक संदेश पहुंचाने के लिए विभिन्न तरीकों से अभियान चला रही है किन्तु शहर में पानी की बर्बादी के लिए एक फैशन सा बन गया है। कहीं लोग पानी के लिए नलों मे बाल्टियां लेकर घंटों लाइन मे लगे रहते है तो कहीं रईसजादे पानी का इस कदर दुरूपयोग करते हैं कि पड़ोस वाले घर में बूंद भर पानी नहीं पहुंचता। पानी की बर्बादी के मामले में शहर के कई मोहल्ले में कुछ लोगों को महारत हासिल है। उनको पानी बर्बाद करने का सिर्फ शौक है। सुबह शाम पानी का उपयोग करने के बजाए उसको सड़क पर अथवा नाली पर घंटों बहाते रहते हैं और यदि किसी ने टोक दिया तो बड़े आसान लहजे में जवाब देते हैं कि रोड में धूल उड़ती है और नाली में कीचड़ जमा हो जाता है जिसको साफ करना मजबूरी है।
शहर में यदि पानी की बर्बादी पर इनाम दिया जाये तो आधा दर्जन मुहल्ले के ऐसे लोग हैं जिनको यह हक प्राप्त हो सकता है। पानी की बर्बादी करने वाले लोगों को शायद इस बात का एहसास नहीं है जिस जल से वह सड़क को तर कर रहे हैं और नाली को भर रहे हैं उतना बर्बाद होने वाले पानी से कई घरों के लोगों के गले भी तर हो सकते हैं किन्तु यहां पर तो वहीं कहावत चरितार्थ हो रही है कि तू मर मगर हम तो सड़क करेगे तर। नगर पालिका प्रशासन को चाहिए कि पानी की बर्बादी करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही करे जिससे पानी की बर्बादी करने वालों पर पूरी तरह से अंकुश लग सके।

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