मनुष्य भगवान की सर्वश्रेष्ठ कृति है। क्षमा सर्वश्रेष्ठ गुण

 

न्यूज़ वाणी ब्यूरो

हापुड़। मनुष्य भगवान की सर्वश्रेष्ठ कृति है। इंसान को भगवान ने अपनी शक्तियों से लैस करके इस दुनिया में भेजा किन्तु मनुष्य ज्यों-ज्यों बड़ा होता जाता है या यूँ कहें कि शक्तिशाली होता जाता है त्यों-त्यों अहंकार के वशीभूत होकर अपनी धाक, अपना रौब दूसरे कमजोर लोगों पर जमाने लग जाता है । कहीं-कहीं तो बलवान अथवा ताकतवर मनुष्य गलती करके भी अपनी गलती नही मानता बल्कि इसके उलट अपनी गलती का ठीकरा दूसरे कमजोर व्यक्ति के सिर फोड़ता है । इंसान सर्व गुण सम्पन्न नहीं है । गलती करना उसके स्वभाव में शामिल है इस कारण हम यह भी कह सकते है कि गलती करना कोई गुनाह नहीं है बशर्ते कि वह गलती जान-बूझ कर ना हुई हो । जानबूझ कर की जाने वाली गलती, गलती नही बल्कि अपराध है किन्तु अनजाने मे हुई गलती क्षम्य है । क्षमा माँगना आसान काम नही है परन्तु यदि मनुष्य अपने मन से, दिल से साफ है तो यह काम आसान ही है। दुनियादारी में हम यह अनुभव करते है कि क्षमा केवल कमजोर ही मांगता है तथा ताकतवर अथवा असरदार व्यक्ति क्षमा करता है । क्षमा माँगना यदि आसान नहीं तो क्षमा दान देना भी आसान नहीं वह केवल इस लिए कि क्षमा करने वाले व्यक्ति को अपने झूठे अंहकार से निकालकर पवित्र कर देने वाला गुण है यह । क्षमा का गुण व्यक्ति के सर्वश्रेष्ठ गुणों में से एक है। इस गुण को धारण करने से दोनों व्यक्ति क्षमा मांगने वाला भी और क्षमा करने वाला भी लाभान्वित होता है। क्षमा मांगना और क्षमा करना दोनों ही कार्य किसी पराक्रम से कम नहीं । क्षमा मांग कर जहाँ व्यक्ति अपनी गलतियों को महसूस करता है तथा अपने मन को साफ करके सुख का अनुभव करता है वहीं क्षमा करने वाला व्यक्ति दूसरे को अभय दान करता है इसके साथ ही साथ अपने मन में क्षमा मांगने वाले के प्रति जो बैर भाव चलता रहता है उसे भूलकर अपना मन हल्का करता है जिस कारण उसके जीवन में खुशी एवं प्रसन्नता आती है। यदि हम इस बात को अच्छी तरह समझ लें कि जीवन में गलतियां सभी से होती है, गलती दूसरे से भी हो सकती है गलती हम से भी हो सकती है तो मनुष्य में क्षमा का गुण स्वतः ही स्थिर हो जायेगा तथा वही व्यक्ति जो क्षमा करना जानता है दूसरे की नजरों में हीरो बन जाता है। इसलिए जीवन में क्षमा का भाव हमारे अन्दर हर समय रहना चाहिए । इसके लिए हमारे अन्दर सहनशीलता होना आवश्यक है । यदि आप जीवन में अपने आपको बड़ा देखना चाहते है तो आपको सहनशीलता के साथ दूसरों को क्षमा करना अवश्य आना चाहिए लेखक:- जयपाल त्यागी, किसान मजदूर इण्टर कालिज, अतराड़ा (मेरठ)। इंसान को भगवान ने अपनी शक्तियों से लैस करके इस दुनिया में भेजा किन्तु मनुष्य ज्यों-ज्यों बड़ा होता जाता है या यूँ कहें कि शक्तिशाली होता जाता है त्यों-त्यों अहंकार के वशीभूत होकर अपनी धाक, अपना रौब दूसरे कमजोर लोगों पर जमाने लग जाता है । कहीं-कहीं तो बलवान अथवा ताकतवर मनुष्य गलती करके भी अपनी गलती नही मानता बल्कि इसके उलट अपनी गलती का ठीकरा दूसरे कमजोर व्यक्ति के सिर फोड़ता है । इंसान सर्व गुण सम्पन्न नहीं है । गलती करना उसके स्वभाव में शामिल है इस कारण हम यह भी कह सकते है कि गलती करना कोई गुनाह नहीं है बशर्ते कि वह गलती जान-बूझ कर ना हुई हो । जानबूझ कर की जाने वाली गलती, गलती नही बल्कि अपराध है किन्तु अनजाने मे हुई गलती क्षम्य है । क्षमा माँगना आसान काम नही है परन्तु यदि मनुष्य अपने मन से, दिल से साफ है तो यह काम आसान ही है। दुनियादारी में हम यह अनुभव करते है कि क्षमा केवल कमजोर ही मांगता है तथा ताकतवर अथवा असरदार व्यक्ति क्षमा करता है । क्षमा माँगना यदि आसान नहीं तो क्षमा दान देना भी आसान नहीं वह केवल इस लिए कि क्षमा करने वाले व्यक्ति को अपने झूठे अंहकार से निकालकर पवित्र कर देने वाला गुण है यह । क्षमा का गुण व्यक्ति के सर्वश्रेष्ठ गुणों में से एक है। इस गुण को धारण करने से दोनों व्यक्ति क्षमा मांगने वाला भी और क्षमा करने वाला भी लाभान्वित होता है। क्षमा मांगना और क्षमा करना दोनों ही कार्य किसी पराक्रम से कम नहीं । क्षमा मांग कर जहाँ व्यक्ति अपनी गलतियों को महसूस करता है तथा अपने मन को साफ करके सुख का अनुभव करता है वहीं क्षमा करने वाला व्यक्ति दूसरे को अभय दान करता है इसके साथ ही साथ अपने मन में क्षमा मांगने वाले के प्रति जो बैर भाव चलता रहता है उसे भूलकर अपना मन हल्का करता है जिस कारण उसके जीवन में खुशी एवं प्रसन्नता आती है। यदि हम इस बात को अच्छी तरह समझ लें कि जीवन में गलतियां सभी से होती है, गलती दूसरे से भी हो सकती है गलती हम से भी हो सकती है तो मनुष्य में क्षमा का गुण स्वतः ही स्थिर हो जायेगा तथा वही व्यक्ति जो क्षमा करना जानता है दूसरे की नजरों में हीरो बन जाता है। इसलिए जीवन में क्षमा का भाव हमारे अन्दर हर समय रहना चाहिए । इसके लिए हमारे अन्दर सहनशीलता होना आवश्यक है । यदि आप जीवन में अपने आपको बड़ा देखना चाहते है तो आपको सहनशीलता के साथ दूसरों को क्षमा करना अवश्य आना चाहिए।

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