फतेहपुर। हज कमेटी की ओर से रविवार को शहर के आबूनगर स्थित एक मैरिज हाल में एक द्विवसीय हज प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें इस वर्ष 2023 में हज करने जाने वाले हाजियों द्वारा किये जाने वाले अरकानो की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
हज ट्रेनर के रूप में विशेष अतिथि प्रोफेसर अब्दुल कबीर (बासमंडी कानपुर), हाजी हमीद उल्ला खां, अब्दुल रहमान (हज ट्रेनर फतेहपुर) व शकील अहमद कानपुर ने हाजियों को प्रशिक्षण दिया। हज ट्रेनर प्रोफेसर अब्दुल कबीर ने बताया कि अगर कोई अरकान छूट जाता है तो उसका हज नहीं माना जाता है। उन्होने हाजियों को बहुत खूबसूरत व अच्छे लफ्जों में बारीकी के साथ हज करने के तरीके का प्रशिक्षण दिया। हज प्रशिक्षण में सुदूर से आये पुरूष एवं महिलाओं ने प्रशिक्षण में सभी अरकानों को बारीकी से समझा। हज ट्रेनर अब्दुल कबीर ने बताया कि हज यात्रा पर जाने वाले लोगों को खास तरह के कपड़े पहनने होते हैं। पुरुषों को दो टुकड़ों वाला जिसमें एक बिना सिलाई का सफेद चोगा ओढ़ना पड़ता है। जबकि महिलाएं सफेद रंग के खुले कपड़े पहनती हैं, जिसमें उनका पूरा शरीर ढका होता है सिवाए हाथ और चेहरे के। हज के दौरान श्रद्धालुओं को लड़ाई-झगड़े, परफ्यूम और नाखून काटने से परहेज करना होता है। हज की शुरुआत मक्का से होती है। यहां पहुंचकर लोग तवाफ करते हैं। इस्लाम के अनुसार काबा का सात बार घड़ी की विपरीत दिशा में चक्कर लगाना तवाफ कहलाता है। यहां आने वाले हर शख्स को यह प्रक्रिया पूरी करती होती है। इस अवसर पर हज कमेटी फतेहपुर के सचिव हाजी शब्बीर मछली वाले, हाजी इलियास, अच्छे, हाजी अफसार, हाजी रफीक, हाजी जकी, हाजी सगीर जाफरी, हाजी मुनीर हसन भी मौजूद रहे।