लू के थपेड़े शुरू, तपिश से जनजीवन बेहाल – भीषण गर्मी से बचाव के लोग कर रहे तरह-तरह के प्रयास – रेलवे स्टेशन व बस स्टाप पर पेयजल की रहती मारामारी
फतेहपुर। चालू माह का एक पखवारा बीतने को है, अब गर्मी ने दस्तक दी है। दिन में लू के थपेड़े शुरू हो गये हैं। तपिश से जनजीवन बेहाल होने लगा है। भीषण गर्मी से बचाव के लोगों ने प्रयास भी शुरू कर दिये हैं। रेलवे स्टेशन समेत बस स्टाप पर यात्रियों के बीच पेयजल की मारामारी देखी जा सकती है। यह गर्मी की शुरूआत है। अब प्रतिदिन पारा बढ़ने लगा है।
बताते चलें कि अप्रैल माह में गर्मी की शुरूआत हो गई थी लेकिन रमजान माह की समाप्ति पर ही अचानक मौसम में करवट ले ली थी और बूंदाबांदी व तेज ठंडी हवाओं के चलते मौसम सामान्य हो गया था। बीच-बीच में हो रही बारिश से हुए मौसम परिवर्तन के कारण लोगों ने कूलर व एसपी को बाय-बाय कर दिया था। लोगों के बीच मौसम को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी हो रही थी। लोगों का अनुमान था कि इस बार गर्मी से पहले ही बारिश शुरू हो जायेगी लेकिन चालू माह शुरू होते ही मौसम ने एक बार फिर से करवट ले ली। अब गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। सुबह से ही तेज धूप का लोगों को एहसास होने लगता है। जैसे-जैसे दिन चढ़ता है तो यह धूप अब लोगों को बर्दाश्त नहीं हो रही है। सुबह दस बजे से ही गर्म हवाओं के थपेड़े भी चलने शुरू हो गये हैं। जिसके चलते अब सड़कों पर दिन के समय सन्नाटा पसरा रहता है। कामकाज के लिए निकलने वाले लोग अब अपने मुंह व हाथों को ढक कर ही बाहर निकल रहे हैं। बाहर सड़क पर आते ही उनके बीच ठंडे पानी की दरकार भी बढ़ जाती है। जिसके चलते ठंडे पेय पदार्थों की बिक्री में कुछ इजाफा भी हो गया है। भीषण गर्मी के बीच सबसे अधिक परेशानियों का सामना यात्रियों को करना पड़ता है। रेलवे स्टेशन समेत बस स्टाप व प्राइवेट वाहनों से सफर करने वाले यात्रियों के बीच ठंडे पानी की दरकार ज्यादा रहती है। रेलवे स्टेशन परिसर मंे तो फ्रीजर लगा है। जैसे ही ट्रेन रेलवे स्टेशन पर आती है तो यात्रियों भीड़ फ्रीजर में बोतल भरने के लिए लग जाती है, लेकिन सबसे अधिक दयनीय स्थिति रोडवेज बस स्टाप की है। यहां पर ठंडे पानी के लिए कोई इंतजाम नहीं है। यहां आने वाले यात्रियों को ठंडे पानी के लिए अपनी जेबे ढीली करनी पड़ती है और वह सभी रोडवेज अधिकारियों को कोसते नजर आते हैं। बहरहाल कुछ भी हो, अब गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ेंगे गर्मी का प्रकोप भी बढ़ेगा।