5 महीने के बच्चे की बॉडी बैग में लाया पिता, वजह जानकर उड़ जायँगे होश

 

 

दरअसल, यहां के रायगंज सरकारी अस्पताल में एक 5 महीने के बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। पिता असीम देवशर्मा को बच्चे का शव 90 किलोमीटर दूर अपने गांव डांगीपारा ले जाना था। जेब में पैसे नहीं थे।

फिर भी एंबुलेंस वाले के पास गया और किराया पूछा। जवाब मिला- 8 हजार लगेंगे। असीम ने कहा- कम नहीं होगा। ड्राइवर ने इनकार कर दिया। असीम ने बच्चे की डेड बॉडी बैग में रखी और बस पकड़कर 25 किलोमीटर दूर कालियागंज पहुंचे। गांव यहां से 65 किलोमीटर दूर था। 
घटना को लेकर भाजपा के नेताओं ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा। भाजपा विधायक और बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा- तृणमूल कांग्रेस की सरकार में पश्चिम बंगाल की स्वास्थ्य व्यवस्था के यही हालात हैं। असीम देबशर्मा के केस से समझा जा सकता है कि राज्य सरकार की स्वास्थ्य साथी योजना ने क्या हासिल किया है।

वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा कि एक आम नागरिक को अपने बच्चे का शव बैग में लाना पड़ता है। उन्हें एंबुलेंस नहीं मिलती। पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य सुविधा का यही हाल है। यह दुख की बात है, लेकिन बंगाल के सभी जिलों की यही सच्चाई है।

पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले में एक दलित नाबालिग के साथ कथित रेप और हत्या के बाद जमकर हिंसा हुई थी। ग्रामीणों ने युवती का शव लेने आए पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी की थी। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए रैपिड एक्शन फॉर्स (RAF) के जवानों को बुलाना पड़ा था। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज भी किया था।

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