किराये की कोख के लिए राजधानी के एक डॉक्टर ने आवेदन किया है। सीएमओ की कमेटी ने पड़ताल के बाद इसके लिए हरी झंडी भी दे दी है। हालांकि, इस पर अंतिम मुहर डीएम लगाएंगे। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का दावा है कि सरोगेसी अधिनियम-2021 लागू होने के बाद किराये की कोख के लिए आवेदन का प्रदेश में यह पहला मामला है।
एक प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान के डॉक्टर ने किराये की कोख के लिए आवेदन किया है। इसमें डॉक्टर ने हवाला दिया है कि उनकी पत्नी गर्भधारण नहीं कर सकती है। लिहाजा सरोगेसी के लिए इजाजत दी जाए। नए नियम के तहत डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी की अनुमति के बाद ही आवेदन प्रक्रिया पूरी हो पाएगी
अब सभी आईवीएफ सेंटर पर सरोगेसी अधिनियम-2021 लागू किया जा चुका है। पहले इन केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग का कोई खास दखल नहीं रहता था। ऐसे में ये मनमानी करते थे। शहर में 25 से अधिक आईवीएफ सेंटर हैं।
किराये की कोख के लिए रजामंदी देने वाली महिला का आवेदक का रिश्तेदार होना जरूरी है।रिश्तेदार महिला विवाहित होनी चाहिए।सरोगेट मां की उम्र 25 साल व उसका एक बेटा भी होना चाहिए।
चोरी-छिपे किराये की कोख लेने के मामलों में बच्चे के कानूनी हक को लेकर समस्याएं खड़ी होती थीं। कानून के तहत किराये की कोख से जन्मे बच्चे को उसे अपनाने वाले माता-पिता से सारे अधिकार मिलते हैं।