गोरखपुर में बनेगा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का कार्यालय, सीएम बोले- ड्रग माफिया के नेटवर्क का हो खात्मा
केंद्र सरकार ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) का गोरखपुर में नया जोनल मुख्यालय बनाने का निर्णय लिया है। मुख्यालय के भवन के लिए आवश्यक भूमि और संसाधन प्रदेश सरकार उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को एनकॉर्ड राज्य स्तरीय समिति की बैठक में यह जानकारी दी गई। बैठक में केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों हिस्सा लिया
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी हर राज्य की समस्या है। प्रवर्तन से जुड़े सभी बल एकजुट होकर इस दिशा में काम करें। हमें ड्रग्स के स्रोत की पड़ताल, उसके नेटवर्क की समाप्ति, दोषियों की गिरफ्तारी और नशा करने वालों के पुनर्वास के बहुआयामी प्रयास करने होंगे। प्रदेश में मादक पदार्थों के अवैध निर्माण, खरीद-फरोख्त और ट्रैफिकिंग के विरुद्ध अभियान को और तेज करना होगा। जो भी व्यक्ति इसमें संलिप्त पाए जाएं, उनके खिलाफ कुर्की सहित कठोरतम कार्रवाई हो। साथ ही, संवेदनशील जिलों में सतर्कता और इंटेलिजेंस को और बेहतर करना होगा।
अंतरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी बढ़ाई जाए। गृह विभाग के साथ-साथ नगर विकास व ग्राम्य विकास विभाग को भी इस अभियान में सहयोग करना होगा। एनडीपीएस के मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होनी जरूरी है, ताकि अपराधियों को जल्द सजा मिले। सर्वाधिक लंबित मुकदमों वाले जिलों में विशेष न्यायालय का गठन करने के लिए शासन स्तर से कार्यवाही की जाए। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के झांसी, सहारनपुर और गाजीपुर में भी थाने क्रियाशील किए जाएं।
मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए भारत सरकार के एनकॉर्ड पोर्टल और निदान प्लेटफॉर्म का समुचित उपयोग करना चाहिए। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स को और मजबूत बनाया जाए, ताकि मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक कार्रवाई की जा सके।
भारत सरकार की मंशा के अनुरूप जिला-स्तरीय और राज्य-स्तरीय एनकॉर्ड की बैठकें नियमित अन्तराल पर की जाएं। हैं। यह बैठक प्रत्येक दशा में हर माह होनी चाहिए। प्रमुख सचिव गृह और स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था द्वारा इन जिलों की समीक्षा की जाएगी।ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई सिर्फ किसी एक सरकार की लड़ाई नहीं जन-जन की लड़ाई है। नशे के खिलाफ लड़ाई को जन आंदोलन बनाना होगा