आइसक्रीम खाने से तीन मासूमों की गयी जान, पढ़े पूरी खबर

 

राजस्थान के नागौर में रविवार दोपहर से सोमवार सुबह के बीच एक के बाद एक इन तीन मासूमों ने दम तोड़ दिया। तीन बच्चों की मौत ने हर किसी को रुला और डरा दिया, लेकिन जिम्मेदार बेफिक्र हैं। आइसक्रीम से मौत जैसी असामान्य घटना की जांच के बजाय मेडिकल डिपार्टमेंट मौत की वजह लू बता रहा है। परिजनों की लापरवाही साबित करने में लगा है।

लापरवाही की हद ये है कि जहरीली आइसक्रीम से तीन बच्चों की जान चली गई और जिम्मेदारों ने एक भी शव का पोस्टमार्टम तक नहीं कराया। अब दबाव बढ़ने पर मामले की जांच का आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन सवाल ये है कि बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट मौत की जवाबदेही कैसे तय होगी?

 बामनवास गांव के नायकों के मोहल्ले में पहुंची। पड़ताल में अवैध आइसक्रीम के जहरीले कारोबार, अंधविश्वास, झोलाछाप इलाज और सरकारी लापरवाही का जानलेवा खेल सामने आया।

कबाड़ बेचकर खरीदी आइसक्रीम : मृतक बच्चों रूपाराम और सरिता के पिता राजूराम व डूंगरराम ने बताया कि वो बेहद गरीब हैं और पेट पालने के लिए परिवार सहित दूसरों के खेत में काम करते हैं। 11 मई को दोनों भाई अपनी पत्नियों के साथ खेत में काम करने गए थे। पीछे घर में सरिता और रूपराम ने किसी कबाड़ वाले को थोड़ा सा कबाड़ बेचा और उससे मिले रुपयों से कहीं से लोकल आइसक्रीम खरीदी और खा ली।

तबीयत बिगड़ी, डॉक्टर के बजाय फेरी दिलाने ले गए : शाम को परिवार के लोग खेत से लौटे तो दोनों बच्चों ने पेट दर्द की शिकायत की। परिवार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अगली सुबह 12 मई को अचानक रूपाराम की तबियत ज्यादा खराब हो गई। उल्टियां हुई और ताण आने लगी। राजूराम डॉक्टर के पास ले जाने के बजाय दैवीय प्रकोप मानकर उसे बुटाटी स्थित एक धाम पर ले गया। तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ गई तो रूपराम को लेकर वो मेड़ता सिटी स्थित सरकारी हॉस्पिटल पहुंचे।

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