इंटरलॉकिंग व नाली निर्माण के धन को प्रधान व सचिव ने डकारा – मोदी-योगी सरकार की किरकिरी करा रहे अफसर, पोल खुलते ही लीपापोती में जुटे – विकास की जगह ग्रामसभा को मिला कार्यों का पत्थर

फतेहपुर। भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ सभी जनसभाओं से लेकर अफसरों की मीटिंग तक मे सख्त रुख रखते है। भ्रष्टाचार को लेकर ज़ीरो टॉलरेन्स नीति रखने वाले पीएम व सीएम के सख्त निर्देश के बाद तमाम अफसरों पर कार्रवाई करते हुए सरकार के सख्त रुख का संदेश भी दिया जा चुका है लेकिन पीएम सीएम की नीतियों को धता बताते हुए अब भी अफसर सुधरने का नाम नहीं ले रहे और भ्रष्टाचार की नई पराकाष्ठा लिखने में लगे हुए है। जिसका ताजा उदाहरण जनपद के भिटौरा ब्लाक के रारा चांदपुर का है। जहां ग्राम प्रधान व सेकेट्री ने मिलकर शासन की ओर से पिछड़े ग्राम में विकास के लिये भेजे गये धन से कार्य कराने की जगह पूरे धन को ही हजम कर गये। मामला खुलने पर अफ़सर अब जांच व कार्रवाई की भले ही बात कर रहे हो लेकिन सरकारी धन के गबन का यह का यह अकेला उदाहरण नहीं हो सकता। वित्तीय वर्ष 2022-23 में शासन द्वारा भिटौरा ब्लाक के रारा चांदपुर में मनरेगा के तहत विकास के लिये मिले धन से योजना के अनुसार राजू मनिहार के दरवाजे से लेकर ग्राम सचिवालय तक लगभग साढ़े चार लाख रूपये की लागत से इंटरलॉकिंग व नाली निर्माण का कार्य होना था। शासन के निर्देशों के अनुसार इसके लिये ग्राम प्रधान राम रेखा देवी सचिव रणधीर सिंह ने खेल खेलते हुए पुराने बने हुए खड़ंजे के ऊपर ही नये निर्माण कार्य संबंधी पत्थर लगवाकर इतिश्री कर दिया गया। शासन से मिले धन का बन्दरबांट कर लिया। ग्राम सभा में निर्माण संबंधी पत्थर देखा जा सकता है जिसमें बीडीओ प्रदीप यादव से लेकर ग्राम प्रधान राम रेखा देवी, पंचायत सचिव रणधीर सिंह कार्यदाई संस्था रोशनी स्वयं सहायता समूह समेत अनेक नाम लिखे हुए देखे का सकते हैं। ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव के भ्रष्टाचार का यह अकेला मामला नहीं है। जानकारों की माने तो रारा स्थित गौशाला में भ्रष्टाचार के मामले में शिकायत मिलने पर पंचायत सचिव रणधीर सिंह निलंबित किये जा चुके है। जबकि वर्तमान में पंचायत सचिव के चार्ज पर तैनात श्यामू मामले को अपने संज्ञान में न होने व अफसरों के संज्ञान में लाकर जाँच की बात कहकर खुद को बचाने के प्रयास में लगे हुए हैं जबकि वर्तमान पंचायत सचिव के चार्ज संभालने के बाद भी गबन के आरोपी ग्राम प्रधान व पूर्व सचिव के विरुद्ध किसी तरह की कार्रवाई की पहल न होना ग्राम प्रधान व सचिव के मध्य किसी तरह की डील डन होने से इंकार नही किया जा सकता।

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