कानपुर में बिरहाना रोड स्थित एसजीपीएस फार्मास्युटिकल्स के अवैध गोदाम में रात तक छानबीन में ड्रग विभाग की टीम को 85 लाख रुपये कीमत की दवाएं मिली हैं। साढ़े चार सौ से अधिक गत्तों को खोलकर इन दवाओं को निकाला गया। इसके साथ ही 15 दवाओं के सैंपल भी लिए गए। इन्हें जांच के लिए राजकीय विश्लेषक प्रयोगशाला में भेजा जाएगा।
गोदाम में रखे गत्तों में प्रतिबंधित दवाओं की भी खोज की जा रही है। चार जिलों के औषधि निरीक्षकों की टीम दवाओं की जांच करती रही। नगर के औषधि निरीक्षक संदेश मौर्या ने बताया कि दवाओं को जांच के लिए भेजा जाएगा। रिपोर्ट से पता चलेगा कि दवाएं असली हैं कि नकली। रिपोर्ट एक सप्ताह में मंगा लेंगे। गोदाम में प्रतिबंधित दवाएं अभी नहीं मिलीं, उनकी खोज की जा रही है। प्रतिबंधित दवा ट्रामाडॉल और एल्प्राजोलम के साथ चेकिंग के दौरान पकड़े युवक मोहित ने बिरहाना रोड के गोदाम से प्रतिबंधित दवाएं लेने की बात कही थी।
इस पर ड्रग विभाग की टीम ने जांच की तो पता चला कि दवा व्यापारी के पास एक गोदाम का लाइसेंस तो है लेकिन दूसरे गोदाम का नहीं है। औषधि निरीक्षक संदेश मौर्या ने बताया कि एसजीपीएस फार्मास्युटिकल्स के दूसरे गोदाम का लाइसेंस नहीं लिया गया। यह अवैध तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। इस पर गोदाम की जांच शुरू कर दी गई। जांच नगर के औषधि निरीक्षक संदेश मौर्या के साथ कानपुर देहात की रेखा सचान, औरैया की ज्योत्सना आनंद और इटावा के औषधि निरीक्षक रजत कुमार पांडेय ने की।
औषधि निरीक्षक मौर्या ने बताया कि अभी तक गोदाम में एंटी बायोटिक, पेन किलर, जुकाम-बुखार, मल्टी विटामिन, कफ सिरप, बुखार, डायरिया की दवा, फेस क्रीम आदि दवाएं मिली हैं। इनकी सूची तैयार की जा रही है। इसके साथ ही सैंपल भी लिए जाएंगे। जांच रिपोर्ट आने के बाद अगली कार्रवाई होगी। इसके साथ ही अभिलेखों की भी जांच की जाएगी। दवाएं किन कंपनियों की हैं। उनको भी पत्र लिखकर पूरा ब्योरा मांगा जाएगा।
कुछ लोग नशेबाजी के लिए भी ट्रामाडोल और एल्प्राजोलम का इस्तेमाल करते हैं। ट्रामाडोल दर्द की दवा है। इसे तेज दर्द में दिया जाता है। इसके अलावा एल्प्राजोलम उलझन की दवा है। इसे मनोरोगियों और न्यूरो के रोगियों को दिया जाता है। कम डोज में रोगियों को दी जाती है। लेकिन इसकी हाई डोज नशेबाजी में इस्तेमाल होती है। ये दोनों प्रतिबंधित दवाएं हैं। सिर्फ डॉक्टर के पर्चे पर ही इन्हें रोगियों को दिया जा सकता है।