हाल ही में राजस्थान के मारवाड़ के रहने वाले प्रवीण कुमार केम्पेगौड़ा को इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया। दरअसल, इनपर फ्लाइट में धूम्रपान करने काआरोप था।
प्रवीण कुमार ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने पहली बार फ्लाइट में सफर किया है, इसलिए उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि फ्लाइट के टॉयलेट में धूम्रपान करना प्रतिबंधित है।
इंडियन एयरक्राफ्ट एक्ट 1937 की धारा 25 के मुताबिक, फ्लाइट में स्मोकिंग करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। विमान में क्रू मेंबर, पायलट या कोई भी यात्री स्मोकिंग नहीं कर सकता है।
यदि फ्लाइट में किसी को स्मोकिंग करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे फ्लाइट से उतारा जा सकता है। इसके साथ ही, स्मोकिंग करने वाले को जेल और जुर्माना देना पड़ सकता है।
क्या है ‘नो फ्लाई लिस्ट’ की गाइडलाइन, कब होती है जारी?
डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन यानी DGCA ने साल 2017 में एक गाइडलाइन जारी की थी। इसके तहत, यदि सफर के दौरान कोई यात्री किसी अन्य के साथ गलत व्यवहार करता है, तो उसका नाम ‘नो फ्लाइट लिस्ट’ में डाल दिया जाता है। इसमें यात्री पर लगे आरोपों के आधार पर उसे 3 महीने से लेकर 2 साल या फिर हमेशा के लिए ‘नो फ्लाई लिस्ट’ में डाला जा सकता है।
किन परिस्थितियों में यात्रियों को फ्लाइट से उतारा जा सकता है?
फ्लाइट एक्ट के तहत, इस बात को भी सूचिबद्ध किया गया है कि जरूरत पड़ने पर यात्री को फ्लाइट से उतारा भी जा सकता है। यदि फ्लाइट में कोई यात्री शोर-शराबा या गाली-गलौज करता है, ड्रग्स या स्मोकिंग करता है, महिला या किसी भी क्रू-मेंबर के साथ छेड़खानी और बदतमीजी करता है, तो ऐसे में उसे फ्लाइट से उतारा जा सकता है।
इसके अलावा, फ्लाइट में अन्य यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने जैसे कि कॉकपिट का दरवाजा खोलने या प्रैंक के जरिए लोगों को डराने के मामले में भी एक्शन लेते हुए आरोपी यात्री को फ्लाइट से उतारा जा सकता है।
ट्रेन में स्मोकिंग को लेकर क्या है नियम?
रेलवे एक्ट की धारा 167 के तहत ट्रेनों में स्मोकिंग करना जुर्म माना जाता है। ट्रेन के डब्बे में स्मोकिंग करने पर यदि किसी अन्य यात्री को परेशानी होती है और वो शिकायत दर्ज कराता है, तो स्मोकिंग करने वाले यात्री पर 100 से 500 रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
इसके अलावा, ट्रेन के टॉयलेट में भी स्मोकिंग करना प्रतिबंधित है, क्योंकि जलती हुई सिगरेट बट या माचिस की तीली को टॉयलेट के कूड़ेदान में फेंकने या रखने से आग लग सकती है, जिससे अन्य यात्रियों की जान को खतरा हो सकता है।
भारतीय रेलवे बोर्ड ने ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत रेलवे सुरक्षा बल और टिकट जांच कर्मचारियों को ट्रेनों में सिगरेट पीने वालों के उल्लंघन करने पर सजा देने का प्रावधान है।
पब्लिक प्लेस पर स्मोकिंग को लेकर क्या नियम हैं?
सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रॉडक्ट्स एक्ट यानी COTPA की धारा-4 के तहत पब्लिक प्लेस में स्मोकिंग पर रोक लगाई गई है। पब्लिक स्पेस में होटल, रेस्टोरेंट, सिनेमाहॉल, हॉस्पिटल, रोडवेज बस स्टैंड, ऑडिटोरियम, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, पब, डिस्को, मार्केट, शॉपिंग मॉल, कैंटीन, रिफ्रेशमेंट रूम, बैंक्वेट हॉल, कॉफी हाउस, पोस्ट ऑफिस, लाइब्रेरी, कोर्ट, स्कूल, एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन, प्राइवेट एवं सरकारी कार्यालयों के साथ और भी कई जगहें हैं, जहां स्मोकिंग करना प्रतिबंधित है।
COTPA की धारा-4 के तहत सभी पब्लिक प्लेस के इंचार्ज की तरफ से धूम्रपान निषेध क्षेत्र यानी नो स्मोकिंग एरिया वाले बोर्ड लगाना जरूरी है।
इस कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ शिकायत करने के लिए हेल्पलाइन नंबर
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने साल 2009 में धूम्रपान कानून के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। कोई भी व्यक्ति शिकायत दर्ज कराने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1800110456 पर फोन कर सकता है।