बिजली बिल में 1800 रुपए तक बचाने का स्मार्ट तरीका, इंटरनेट पैक की तरह खरीद सकेंगे बिजली, पढ़िए- कैसे ले सकेंगे फायदा

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सोचिए, कैसा रहेगा कि आप अपने बिजली के मीटर को मोबाइल फोन की तरह ऑपरेट कर सकें। जिस तरह आप इंटरनेट डेटा पैक खरीदते हैं, वैसे ही बिजली का डेटा पैक खरीद सकेंगे। इंटरनेट डेटा की तरह ही ये भी पता लगा सकेंगे कि आपने जो बिजली खरीदी थी, उसमें से कितनी यूनिट बची है। सबसे खास बात…आप बिजली बिल पर 1800 रुपए रुपए तक बचा सकेंगे।

स्मार्ट मीटर के जरिए ये सब कुछ संभव होने वाला है आने वाले 2-3 महीनों में। स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत राजस्थान में 2021 में हो चुकी है। जोधपुर, जयपुर और अजमेर डिस्कॉम ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत बड़े शहर के उपभोक्ताओं को इसके लिए चुना और अब तक ढाई लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। आने वाले कुछ महीने में राजस्थान के बिजली उपभोक्ताओं को इसका फायदा मिलने वाला है।

इस प्रोजेक्ट के तहत घरों में लगे स्मार्ट बिजली मीटर को मोबाइल की तरह प्री-पेड बिजली मीटर में कन्वर्ट किया जाएगा। अभी स्मार्ट बिजली मीटर में अधिकांश उपभोक्ताओं का पोस्टपेड बिल जनरेट किया जा रहा है। इन मीटर में मोबाइल की तरह सिम डाल इसे अपडेट किया जाएगा। प्री-पेड में अपडेट होने के बाद आप इसे मोबाइल की तरह ऑपरेट कर सकेंगे।

दो तरह से होगा सीधा फायदा

पोस्टपेड स्मार्ट मीटर
इस प्रोजेक्ट के तहत जो मीटर लग रहे हैं, वे पोस्टपेड स्मार्ट मीटर हैं। इनमें महीने का आखिरी दिन होते ही ऑटोमैटिक पूरे महीने की रीडिंग जनरेट हो जाती है और बिल जनरेट हो जाता है।

इसका फायदा ये है कि मीटर रीडिंग हर महीने अलग-अलग तारीख पर नहीं होकर महीने में फिक्स किसी एक दिन हो जाती है। ऐसे में हर बिल में 30 से 40 यूनिट का फायदा मिलता है।

फायदे का गणित : मान लीजिए कि एक महीने में आपने 145 यूनिट बिजली खर्च की। अगले महीने मीटर रीडिंग वाला यदि 20 तारीख की बजाय 24 तारीख को आता है तो आपकी खपत वह 160 यूनिट नोट कर ले जाता है। अब आपके बिल पर प्रति यूनिट की दर 4.75 रुपए नहीं बल्कि 6.50 रुपए लगेगी।

यानी आपका बिल यदि पहले महीने में 1000 से 1100 रुपए के बीच आया है तो अगले महीने 1300 से 1400 रुपए आएगा। अगले महीने फिर रीडिंग जल्दी होगी तो बिल कम होगा, लेकिन जो ज्यादा दरों से वसूली हुई, पिछले महीने यानी 300 रुपए तक ज्यादा दिए वह वापस नहीं मिलेंगे।

लेकिन, इन पोस्टपेड स्मार्ट मीटर में ऐसा नहीं है। एक महीने की साइकिल पूरी होते ही बिल ऑटोमैटिक जनरेट हो जाता है, जिससे एक्सट्रा रीडिंग का भार ग्राहक पर नहीं पड़ता है। इससे आपको 300 रुपए का फायदा मिलता है। साल में 2 से 3 बार ऐसा होता है, यानी स्मार्ट मीटर से साल के 900 रुपए तक बचा सकेंगे।

(इस गणित में फिलहाल दी गई तीन रुपए और दो रुपए प्रति यूनिट छूट को नहीं जोड़ा गया है।)

प्री-पेड स्मार्ट मीटर
प्री-पेड मीटर पूरी तरह से आपके मोबाइल की तरह काम करेगा। यानी बिजली यूज करने से पहले आपको किसी एक टैरिफ प्लान को रिचार्ज करना होगा। इसमें भी मोबाइल ऐप की तरह मॉनिटरिंग की जा सकेगी। फिलहाल जो मीटर लगे हैं, वे पोस्टपेड सिस्टम पर काम कर रहे हैं। लेकिन, इसमें सुविधा है कि बिना मीटर बदले इसको प्री-पेड में कन्वर्ट किया जा सकता है।

फायदे का गणित : प्री-पेड स्मार्ट मीटर में फिलहाल सरकार 15 पैसे प्रति यूनिट का सीधा फायदा दे रही है। यानी 100 यूनिट पर 15 और 500 यूनिट बिजली खपत पर 75 रुपए तक का फायदा। यानी साल के 900 रुपए का फायदा। इसके अलावा स्मार्ट मीटर से साल के 900 रुपए तो बचेंगे ही।

डिस्कॉम अधिकारियों के अलावा अभी पोस्टपेड मीटर से लोगों को सालाना 900 रुपए तक फायदा मिल रहा है। प्री-पेड होने के बाद ये फायदा 1800 रुपए तक पहुंच जाएगा। 900 रुपए समय पर रीडिंग होने से और 900 रुपए 15 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बचेंगे।

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