राज्य सरकार मादक पदार्थों पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए विशेष अदालतों का गठन करने जा रही है, जहां एनडीपीएस के मामले के आरोपियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों की समिति भी गठित होगी, जो हर मामले की गहनता से समीक्षा करेगी। एडीजी, अभियोजन ने शासन को इसका प्रस्ताव भेज दिया है। वहीं, डीजीपी मुख्यालय ने एएनटीएफ के कर्मियों को जोखिम भत्ता प्रदान करने का प्रस्ताव शासन को सौंपा है।
इसके अलावा एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के उपकरणों की खरीद के लिए शासन से करीब 36 लाख रुपये का बजट भी मांगा गया है। प्रदेश सरकार ने युवाओं को नशे की लत से दूर रखने के लिए विस्तृत कार्ययोजना भी बनाई है। हाल ही में आयोजित नार्को कोआर्डिनेशन (एनकॉर्ड) की बैठक में इसका ब्योरा पेश किया गया। बैठक में जानकारी दी गई कि आबकारी विभाग की चारों प्रयोगशाला में ड्रग टेस्टिंग की कवायद शुरू कर दी गई है। साथ ही सीजर इंफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल पर ऑनलाइन फीडिंग के लिए कई अहम सुधार करने का अनुरोध किया गया है।
युवाओं को नशे की लत से दूर रखने के लिए जागरूकता पखवाड़ा आयोजित किया जाएगा। इसके तहत सभी शिक्षण संस्थानों में नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई जाएगी। स्कूल और कॉलेज से सिगरेट, पान, शराब की दुकानों को 500 मीटर दूर करने की मुहिम भी चलाई जाएगी। इस दौरान शिक्षा, राजस्व, पुलिस, आबकारी, समाज कल्याण, सूचना विभाग साथ मिलकर काम करेंगे। साथ ही, नशे के दुष्प्रभाव से संबंधित नुक्कड़ नाटक आयोजित किए जाएंगे।
प्रदेश के कुल 12 फॉरेन्सिक लैब में ड्रग सैम्पल का विश्लेषण किया जा रहा है। इसके अलावा सहारनपुर, अयोध्या, बांदा, बस्ती, मिर्जापुर व आजमगढ़ में फोरेंसिक लैब की स्थापना की कार्यवाही जारी है। आबकारी विभाग की गोरखपुर, मेरठ, लखनऊ, प्रयागराज स्थित प्रयोगशाला को उच्चीकृत किया जा रहा है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला और उच्च प्रयोगशाला एवं संस्थानों जैसे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं आदि के साथ जल्द एमओयू भी किया जाएगा।