रामचरितमानस की चौपाई पर टिप्पणी करके विवादों में घिरे पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब ”रामराज हटाओ- आरक्षण बचाओ” का नारा देना शुरू कर दिया है। इसके जरिए वह लोकसभा चुनाव 2024 से पहले प्रदेश की सियासत गरमाने में जुटे हैं। वह कहते हैं कि इस नारे के जरिए प्रदेश भर में जनजागरण करेंगे। लोगों को भाजपा सरकार की हर चाल से वाकिफ कराएंगे।
स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी बयानबाजी को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। उन्होंने रामचरितमानस की चौपाई पर टिप्पणी की तो प्रदेश की सियासत में हलचल मच गई। अपनी ही पार्टी के कई विधायकों की आलोचना के भी शिकार हुए। सपा शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव पद से नवाजा। पार्टी के नेताओं के बीच स्वामी प्रसाद को दो ध्रुव नजर आए। इसके बावजूद स्वामी प्रसाद अपने बयान पर अडिग रहे।
उन्होंने बसपा संस्थापक कांशीराम की प्रतिमा स्थापित करके दलितों और पिछड़ों के बीच संदेश देने का प्रयास किया। प्रतिमा अनावरण समारोह में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संविधान और आरक्षण बचाने की अपील की। सपा अध्यक्ष हर कार्यक्रम में आरक्षण का मुद्दा उठाते रहे हैं। एमएलसी चुनाव में पार्टी उम्मीदवार उतारते समय भी आरक्षण का ही दांव चला गया है। ऐसे में ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों की नियुक्ति में आरक्षण का मुद्दा सामने आते ही स्वामी प्रसाद ने लपक किया है।
उन्होंने ट्वीट किया कि रामराज धोखा है। पहले भी रामराज के नाम पर कभी शंबूक का सिर काटा गया तो कभी एकलव्य का अंगूठा और अब दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों का आरक्षण काटा जा रहा है। उन्होंने लिखा कि यह संविधान प्रदत्त आरक्षण खत्म किया जा रहा। जागो सावधान हो जाओ। रामराज हटाओ-आरक्षण बचाओ।
स्वामी प्रसाद कहते हैं कि आरक्षण बचाने के लिए जल्द ही जिलेवार अभियान शुरू करेंगे। गाजीपुर, कुशीनगर, गोरखपुर सहित विभिन्न जिलों में आयोजित कार्यक्रम में वह आरक्षण बचाने की अपील कर चुके हैं। जल्द ही अन्य जिलों में जाएंगे। लोगों को बताएंगे कि आरक्षण बचाने के लिए भाजपा को सत्ता से हटाना होगा।