नफरती भाषण देने के दोष से मुक्त होने का फैसला सुनने के बाद आजम खां भावुक हो गए। कोर्ट रूम में ही उन्होंने पीठ को संबोधित करते हुए कहा कि फैसला मेरे खिलाफ जाता तो मुझे दुख नहीं होता, लेकिन आज फैसला मेरे पक्ष में आया है और मुझे इंसाफ मिला है।
इस मामले में जब एमपी-एमएलए कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल ने अपना फैसला सुनाया था तो उस वक्त आजम खां ने कहा था कि मै आपके इंसाफ का कायल हो गया हूं। यह अधिकतम सजा थी। जमानत मिलती है उसी बिना पर जमानत पर हूं, पर इंसाफ का कायल हूं। अकेला जेल काटकर आया हूं। पांच छह माह कोरोना में रहा। डेढ़ महीने में कई ऑपरेशन हुए। हिम्मत नहीं हारा हूं और अभी दरवाजे बंद नहीं हुए। लड़ाई जारी रहेगी। कानूनी रास्ते खुले हैं।
लेकिन बुधवार के दिन आजम खां निचली अदालत के फैसले के बाद भावुक हो गए और उन्होंने न्यायाधीश से अपना दर्द बयां किया। उन्होंने कहा कि मुझे अदालत से इंसाफ मिला है। आजम खां कोर्ट रूम में दोपहर 12 बजे अपने दोनों बेटों के साथ दाखिल हुए। कोर्ट ने फैसला पढ़कर सुनाया जिसको आजम खां, उनके बड़े बेटे अदीब आजम और अब्दुल्ला आजम ने सुना। आजम खां ने कोर्ट के फैसले पर अपने हस्ताक्षर किए। करीब 20 मिनट रुकने के बाद वह अपने समर्थकों और सपा नेताओं के साथ चले गए।
2019 के लोकसभा चुनाव में रामपुर संसदीय सीट से सपा-बसपा गठबंधन उम्मीदवार आजम ने खाता नगरिया गांव में जनसभा की थी। आरोप है कि आजम खां ने पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ और तत्कालीन जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह को लेकर टिप्पणी की थी जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। वीडियो अवलोकन टीम के प्रभारी अनिल चौहान ने मिलक कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप पत्र दाखिल किया था।