अपराध की डगर छोड़कर कर रहे किसानी – पांच वर्ष स्वयं कर चुके प्रधानी, अब प्रतिनिधि बन कर रहे गांव की सेवा
खागा/फतेहपुर। इसे बदलाव कहें या पुलिस का दबदबा ऐरायां ब्लॉक के सोहदमऊ गांव के हिस्ट्रीशीटर गयासउद्दीन पिछले 10 वर्षों से लगातार खेती के साथ गांव की प्रधानी कर रहे हैं। इससे उनकी व उनके परिवार की जीविका चलती है। इनके पास गांव में सात बीघे खेत हैं। यह गांव में अपनी खेती स्वयं करते हैं। इनके दो पुत्र व एक पुत्री हैं। ये बताते हैं कि इनका एक पुत्र दुबई व एक पुत्र आर्मी हाईकोर्ट में सरकारी सेवारत है। पिछले दस वर्षों से किसी अपराध में उनका नाम नहीं आया है। सुल्तानपुर घोष पुलिस ने गयासउद्दीन को निष्क्रिय तो घोषित कर दिया है, लेकिन वह उनकी गतिविधियों पर लगातार नजर बनाए रखती है। गांव के लोगों का कहना है कि कुछ वर्ष पूर्व तक लोग इनसे मिलने से भय खाते थे लेकिन आज स्वभाव के चलते गांव के लोगों से उनके अच्छे संबंध हैं। वह खुद बताते हैं कि उनके 20 वर्ष की आयु में ही अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था। लूटपाट की घटना में कई बार इनका नाम आया। कुछ वर्षों से इनकी पहचान बदल गई है। यह खेती किसानी करके सुकून के साथ घर पर रहते हैं।