रोहित सेठ
बेसिक शिक्षा विभाग में 2006 से अब तक नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन व्यवस्था से वंचित रखा गया है जो किसी भी तरह से स्वीकार नहीं है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ काशी विद्यापीठ के अध्यक्ष एवं वाराणसी के वरिष्ठ शिक्षक नेता सनत कुमार सिंह ने कहा कि बुढ़ापे की लाठी का सहारा पुरानी पेंशन छीन लेना बिल्कुल अमानवीय है। एक शिक्षक लगभग 30 से 40 वर्षों तक बच्चों को शिक्षा देते हुए सेवानिवृत्ति के उपरांत जब घर जाएगा तो उसे पेंशन के अभाव में जीवकोपार्जन की कठिनाइयों के साथ साथ इलाज तक के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ेगा। सनत कुमार सिंह ने कहा कि आश्चर्य तो तब होता है कि अब तक तमाम आंदोलनों के बावजूद भी पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली हेतु सरकार के तरफ से कोई उचित पहल नहीं किया जा रहा।सरकार की तरफ से इस तरह की उदासीन रवैया अपनाया जाना उचित नहीं है। अपने मंत्रियों एवं विधायकों को पेंशन की व्यवस्था से आच्छादित करना तथा राष्ट्र निर्माता शिक्षक को पुरानी पेंशन व्यवस्था से उपेक्षित करना,यह कहां का न्याय है। एक प्रश्न के जबाब में सनत कुमार सिंह ने कहा कि हम शिक्षक हैं,शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांग को रखते आये हैं और अपनी मांग पर आज भी कायम है, हम अपने संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेश चन्द्र शर्मा की अगुवाई में जब तक पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू नहीं हो जाती, तब तक हम सब शांति पूर्ण तरीके संघर्ष जारी रखेंगे। पुरानी पेंशन हमारा अधिकार है और इसे हम लेकर ही रहेंगे।