रंगमंच केवल प्रस्तुति का नहीं अपितु सर्वागीण विकास का साधन है 

रोहित सेठ :

 

 

 

वाराणसी, 27 मई, रंगमंच केवल प्रस्तुति का नहीं अपितु सर्वागीण विकास का साधन है रंगमंच की कार्यशाला प्रतिभागी के लिए व्यक्तित्व विकास का संक्षिप्त विद्यालय है जिसमें आपके व्यक्तित्व को विकसित किए जाने का प्रशिक्षण प्राप्त होगा और व्यक्तित्व में निखार आएगा। यह विचार आज इंग्लिशिया लाइन स्थित भारतीय शिक्षा मंदिर के सभागार में बनारस यूथ थिएटर तथा संस्कृति भारती द्वारा आयोजित 40 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर वक्ताओं के रहे।

कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन एवं मंगलाचरण से हुआ। उत्कर्ष उपेंद्र सहस्त्रबुद्धे ने कार्यशाला में संस्कृत नाटक के संदर्भ और उपादेयता को विस्तार से समझाया। बनारस यूथ थिएटर की सचिव अर्चना निगम ने संस्कृति भारती तथा बनारस यूथ थिएटर के कार्यों की विस्तार से जानकारी दी।

अभ्यागतओं का स्वागत करते हुए बनारस यूथ थिएटर के सभापति एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रांत के संपर्क प्रमुख दीनदयाल जी ने कार्यशाला के पश्चात होने वाली प्रस्तुति के संदर्भ में विस्तार से विवेचना की मुख्य अभ्यागत प्रकाशन उद्योग से संबंध लेखिका एवं समाजसेवी श्रीमती रेखा शर्मा ने संस्कृत नाटक की प्रस्तुति के आयोजन हेतु कार्यशाला आमंत्रित किए जाने को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि संस्कृत हमारी समस्त देशज भाषाओं की जननी है विद्यालय के प्रधानाचार्य चारू चंद्र त्रिपाठी जी ने कहा ऐसे आयोजन से विश्वविद्यालय द्वारा नाट्य प्रस्तुति की प्रेरणा मिली है आप प्रति वर्ष इसी परिसर से कार्यशाला आयोजित करेंगे तो विद्यालय की विकास यात्रा में नया कार्य संपन्न होगा। संस्कृति भारती न्यास सदस्या आर्य महिला पीजी कॉलेज की प्राचार्य: प्रोफेसर रचना दुबे जी ने कहा कि कार्यशाला से उत्पादित संस्कृत नाटक की प्रस्तुति मेरे वहां विद्यालय परिसर स्थित सभागार में होगी हमें प्रसन्नता और हम पूरा सहयोग करेंगे।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन चित्र भारती द्वारा आयोजित प्रेरणा चित्र भारती फिल्म उत्सव के पोस्टर का लोकार्पण अभ्यागतों एवं फिल्म आयाम प्रचार विभाग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रांत के सह प्रमुख उत्कर्ष उपेंद्र सहस्त्रबुद्धे द्वारा किया गया।

ज्ञापन वरिष्ठ रंगकर्मी प्रमोद पाठक ने करते हुए कहा कि संस्कृत भाषा से शुद्ध उच्चारण का अभ्यास है जो अत्यंत आवश्यक है संचालन डॉ उपेंद्र विनायक सहस्त्रबुद्धे ने किया। इस अवसर पर आर्य महिला पीजी कॉलेज की शिक्षिका डॉ. जया राय जी, भारतेंदु नाट्य अकादमी, लखनऊ से प्रशिक्षित अमित कुमार श्रीवास्तव वरिष्ठ रंगकर्मी निर्देशक अर्पित शिधोर, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, वाराणसी केंद्र प्रशिक्षित अंकिता प्रकाश एवं नाट्य कार्यशाला, गायन कार्यशाला, नृत्य कार्यशाला एवं सितार कार्यशाला के सभी प्रतिभागी उपस्थित रहे।

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