हादसे के बाद भी नहीं चेते, लापरवाही दे रही हादसों को न्योता – गलियों में चलने वाले ई रिक्शा पर हाइवे में सनरूफ का मज़ा

फतेहपुर। प्रदूषण कम करने के लिये महानगरों के बाद छोटे शहरों में लोकप्रिय हुए बैटरी रिक्शा अब अपने चालकों की मनमानी व पुलिस की अनदेखी के चलते चर्चा में है। शहरों के अंदर चलने वाले रिक्शे चालको की अधिक कमाई के लालच के चलते हाईवे का सफर तय कर रहे हैं। लालच के चलते सवारियां ओवर लोड होने पर छत पर बिठाने से भी कोई गुरेज नहीं करते। हाईवे पर फर्राटा भरने वाले ऐसे रिक्शा पर किसी ज़िम्मेदार की नजर न पड़ना पुलिस की सक्रियता पर और पेट्रोलिंग पर सवालिया निशान तो लगाती है यही नहीं वाहनों को नियंत्रित करने वाले परिवहन विभाग व यातायात पुलिस का मौन धारण रखना इन विभागों की उपस्थिति पर भी शंका ज़ाहिर करती है। प्रतिमाह सरकार से लाखों रुपये वेतन पाने वाले कर्मियों की लापरवाही के चलते सड़कों पर फर्राटा भरने वाले ई-रिक्शा चालकों के हौसले इतने बुलंद है कि चार सवारी लेकर नगरों में चलने के लिये अधिकृत रिक्शा नियमों को ताक पर रखकर दस-बारह सवारियां तक बिठाते है। सवारियों की जगह न होने पर उन्हें छत तक पर बिठाने का दुःसाहस कर देते हैं। चालकों की मनमानी हादसों को न्योता है। गत दिनों जहानाबाद कस्बे में इटावा जनपद से आ रही ओवरलोड सीएनजी विक्रम व टैंकर की टक्कर में दस लोगों की मौत हुई थी। यहां भी चालक की लालच में लापरवाही सामने आई थी। हादसों के बाद एक दो दिनों तक तो पुलिस की सक्रियता दिखाई दी। डग्गामार टैम्पो व ओवर लोड विक्रम व ई रिक्शा के विरुद्ध अभियान चलाकर ड्यूटी खानपूरी की गईं। अफसरों की नज़र में गुड़ वर्क पूरा होते ही पुलिस शांत बैठ गयी जबकि आमजन की सुरक्षा का दायित्व संभालने वाली पुलिस की लापरवाही जनता पर भारी पड़ सकती है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.