उत्तर प्रदेश विधान मण्डल की महिला एवं बाल विकास संबंधी संयुक्त समिति ने वन स्टॉप सेंटर एवं जिला जेल के महिला बैरक का किया निरीक्षण,महिलाओं ने और भी विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में वन स्टॉप सेंटर की आवश्यकता पर जोर दिया

रोहित सेठ 

 

 

 

 

वन स्टॉप सेंटर’ की मंशा के अनुरूप कार्य करते हुए पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय व लाभ पहुँचाये-सभापति

 

समिति ने अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए

 

मंदिर में प्रसाद निर्माण एवं गोबर से पेंट बनाने का कार्य महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा शुरू किया जा रहा है-जिलाधिकारी

 

*कुछ समूह को चिन्हित करके उन्हें लखपति बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं-एस. राजलिंगम

 

वाराणसी। उत्तर प्रदेश विधान मंडल की महिला एवं बाल विकास से संबंधित संयुक्त समिति ने मंगलवार को सर्किट हाउस सभागार में समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान विभिन्न मुद्दों पर सभापति नीलिमा कटियार ने विस्तार से जानकारी ली।

सभापति नीलिमा कटियार ने महिला कल्याण विभाग द्वारा महिलाओं से संबंधित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के बारे में उन्होंने विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने महिला अस्पतालों में महिलाओं से संबंधित योजनाओं के प्रचार-प्रसार को लेकर विशेष दिशा-निर्देश दिए।उन्होंने निर्देशित किया कि ऐसे सब स्थान जहां महिलाएं जा रही हैं, वहां उनसे संबंधित योजनाएं मोटे मोटे अक्षरों में लिखी होनी चाहिए। उन्होंने महिलाओं से संबंधित योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए मैकेनिज्म बनाए जाने के निर्देश दिए।कस्तूरबा गांधी विद्यालय की समीक्षा करते हुए, उन्हें बताया गया कि वर्तमान में 6 कस्तूरबा विद्यालय संचालित है, जिसमें 600 बच्ची अध्ययनरत हैं। उन्होंने संबंधित अधिकारी को कस्तूरबा विद्यालय में विद्यमान संसाधनों का अच्छे से अवलोकन करने का निर्देश भी दिया। उन्होंने कहा कि बच्चियों को जो भी आवश्यक सुविधाएं हों सभी मुहैया होनी चाहिए। ग्रामीण आजीविका मिशन के के बारे में के बारे में संक्षिप्त में जानकारी ली।

जिलाधिकारी एस.राजलिंगम ने महिलाओं के संबंध में किए जा रहे विशेष प्रयास के बारे में संक्षेप में बताया। उन्होंने बताया कि काशी प्रेरणा के नाम से अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। महिलाओं द्वारा कैफे खोला जा रहा है। इसके साथ ही बुके बनाने का काम समूह द्वारा कराया जा रहा है। मंदिर में प्रसाद निर्माण एवं गोबर से पेंट बनाने का कार्य महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा शुरू किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि कुछ समूह को चिन्हित करके उन्हें लखपति बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

बैठक के दौरान मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी के बारे में पूछे जाने पर मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बताया मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी राज्य स्तर पर जहां 33% है, वही वाराणसी जिला में यह भागीदारी 49% है।इस पर सभापति समेत सभी सदस्यगणों द्वारा ताली बजाकर बधाई दी गई। समिति द्वारा पावरलूम एवं बनारसी साड़ी के निर्माण में लगी महिलाओं के लिए विशेष प्रयास किए जाने के निर्देश दिए। इस पर मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि पावर लूम चला रही महिलाओं को सीएसआर के माध्यम से सोलर सिस्टम से लैस किया जा रहा है जिससे उनके विद्युत खर्च में कमी आएगी और उनकी आय भी बढ़ेगी। उन्होंने पुलिस थाने एवं चौकी में शौचालयों की स्थिति के बारे में जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होंने पॉक्सो के मामले में जानकारी ली। बताया गया कि पाक्सो के मामले में पैरवी करने में पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी उच्च स्थान पर है। इसके साथ ही ट्रैफिक के संबंध में उन्हें बताया गया कि पिंक बूथ का निर्माण कराया जा रहा है और सभी चौराहे सीसीटीवी कैमरे से लैस हैं। बैठक के दौरान सभापति ने जेल में दहेज के संबंध में बंद निर्दोष लोगों के बारे में निर्देशित करते हुए कहा कि विवेचना के दौरान दहेज के मामले में बहुत से ऐसे व्यक्ति बंद है, जिन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है। विवेचना के दौरान ऐसे लोगों को जो बिल्कुल निर्दोष हैं, उन्हें दोषमुक्त किया जाना चाहिए। बैठक के अंत में वाराणसी की उन 20 बच्चियों ने जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में नाम रोशन किया है, उसके संबंध में एक कैलेंडर भी भेट किया गया।

जनपद में महिलाओं और बच्चों से संबंधित संचालित हो रहे विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों का समिति ने स्थलीय निरीक्षण किया। जिला महिला चिकित्सालय का निरीक्षण के दौरान सभापति नीलमा कटिहार द्वारा ओपीडी में अत्यधिक भीड़ पर और प्रसन्नता व्यक्त करते हुए चिकित्साधीक्षक को निर्देश दिया कि महिलाओं को धूप से बचाव के लिए लाइन वाले स्थान पर छाया की व्यवस्था की जाए और टोकन व्यवस्था लागू की जाए जिससे सभी रोगियों को लाइन में न खड़ा होना पड़े, बल्कि जिसका नंबर आवे वह सीधा चिकित्सक के पास जाकर परामर्श ले। समिति द्वारा ओपीडी का निरीक्षण किया गया। जहां पर परामर्श के लिए कोई चिकित्सक उपलब्ध नहीं था, जिस पर गहरी नाराजगी व्यक्त की गई और आवश्यक कार्यवाही के लिए वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिया गया। समिति द्वारा महिला वार्ड, जच्चा बच्चा वार्ड, ऑपरेशन थिएटर और नर्सिंग रूम में साफ सफाई तथा व्यवस्था की उपलब्धता का निरीक्षण किया गया। नर्सिंग रूम के बाहर लगी हुई ड्यूटी लिस्ट अपडेट न होने पर निर्देशित किया गया कि रोस्टर के अनुसार ड्यूटी लिस्ट प्रतिदिन अपडेट की जाए। समिति द्वारा जन औषधि केंद्र का भी निरीक्षण किया गया। जहां पर औषधियों की लिस्ट कंप्यूटर से कागज पर प्रिंट करा कर लगाई गई थी। जो अस्पष्ट हो रही थी। समिति द्वारा निर्देश दिया गया किस पर फ्लेक्स पर प्रिंट करवा कर लगवाया जाए। जिससे बारिश या मौसम के प्रभाव से और अपठनीय न हो सके। इसके बाद कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शिवपुर का निरीक्षण हुआ, जहां पर आवासित बालिकाओं से खानपान पठन-पाठन की विस्तृत जानकारी ली गई। बालिकाओं ने पूछे जाने पर बताया कि मैंन्यू के अनुसार सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन, शाम की चाय और रात्रि का भोजन दिया जाता है। समिति द्वारा बालिकाओं के शयनकक्ष, शौचालय, स्नानागार इत्यादि का भी निरीक्षण किया गया। समिति द्वारा कस्तूरबा गांधी विद्यालय की व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया गया। इसके उपरांत समिति द्वारा विकास खंड आराजी लाइन के बेनीपुर गांव में स्वयं सहायता महिला समूह के द्वारा संचालित पावर लूम का निरीक्षण किया गया मौके पर उपस्थित राष्ट्रीय आजीविका मिशन दिलीप सोनकर द्वारा बताया गया कि गांव में 34 स्वयं सहायता समूह द्वारा कुल 48 पावर लूम चलाए जाते हैं जिससे महिलाओं को आर्थिक संबल प्राप्त हो रहा है। समिति द्वारा समूह की महिलाओं से आमदनी के बारे में पूछताछ की गई जिस पर महिलाओं द्वारा बताया गया कि एक साड़ी की बुनाई पर लगभग ₹250 की आय प्राप्त होती है। पहले यह आए 400 से ₹500 होती थी लेकिन बिजली का बिल ज्यादा आने के कारण लाभ का प्रतिशत कम हो गया है। सभापति नीलिमा कटियार द्वारा डीसी एनआरएलएम को वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों यथा सोलर पावर की संभावना तलाशने का निर्देश दिया गया। साथ ही निर्देश दिया गया कि महिलाओं के समूह से ही मार्केटिंग एवं ब्रान्डिंग का कार्य कराये जाने का प्रयास किया जाय। तत्पश्चात समिति द्वारा जिला कारागार का निरीक्षण किया। जहां पर सजायाफ्ता महिला कैदियों और विचाराधीन कैदियों को दी जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया गया। समिति द्वारा कारागार अधीक्षक को सलाह दी गयी कि विचाराधीन कैदियों के मुकदमों में शीघ्र निस्तारण हेतु प्रभावी पैरवी के लिए कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए उपाय करें। साथ हीं विचाराधीन कैदियों के साथ रह रहे छोटे बच्चों की शिक्षा और पोषण की व्यवस्था करने की अपेक्षा की गयी। मौके पर उपस्थित जिला कार्यकम अधिकारी डीके सिंह द्वारा बताया गया कि बच्चों के लिए एक आँगनवाडी केन्द्र का संचालन जेल के अन्दर कर दिया गया है, जिस पर सभापति द्वारा संतोष व्यक्त किया गया।

इसके उपरान्त समिति द्वारा महमूरगंज स्थिति पाणिनी कन्या महाविद्यालय का निरीक्षण किया गया और आवासित बालिकाओं के साथ वार्तालाप करके उनके पठन पाठन एवं खानपान की व्यवस्था का जायजा लिया गया और उस पर संतोष व्यक्त किया गया।

 

वन स्टॉप सेंटर का भी निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए

उत्तर प्रदेश विधान मण्डल की महिला एवं बाल विकास संबंधी संयुक्त समिति की सभापति नीलिमा कटियार ने समिति के सदस्यों के साथ मंगलवार को पं0दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय परिसर स्थित ‘वन स्टॉप सेंटर’ का निरीक्षण किया। इस दौरान समिति ने ‘वन स्टॉप सेंटर’ में कार्यरत महिला कर्मियों के साथ बैठक कर सेंटर की गतिविधियों के बाबत जानकारी ली तथा ‘वन स्टॉप सेंटर’ की मंशा के अनुरूप कार्य करते हुए पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय व लाभ पहुँचाये जाने का निर्देश दिया।

सभापति नीलिमा कटियार के पूछे जाने पर वन स्टॉप सेंटर की महिलाओं ने और भी विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में वन स्टॉप सेंटर की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यरत लोगो से कार्य के दौरान और अधिकार की जरूरत पर बताया गया कि प्रशासनिक स्तर पर भरपूर सहयोग मिलता हैं। उन्होंने वन स्टॉप सेंटर की मंशा बताते हुए कहा कि समाज में आज भी कई ऐसी बालिकाएं और महिलाएं हैं, जो किसी न किसी रूप में अपराध का शिकार बनती हैं। अगर उन्हें किसी मदद की जरूरत पड़ती है तो उनकी मदद करने वाला कोई नहीं मिलता। ऐसी महिलाओं, युवतियों और बालिकाओं को ‘वन स्टॉप सेंटर’ के माध्यम से मदद मुहैया कराई जाय। उन्होंने कहा कि समाज की पीड़ित महिलाओं को मदद मिल सके, इसके लिए सरकार ने तमाम तरह की योजनाएं चलाई हुई हैं। इसी के तहत ‘वन स्टॉप सेंटर’ बनाया गया है। ताकि इसके पीड़ित बालिकाओं और महिलाओं को कानूनी व मनोवैज्ञानिक परामर्श मिल सके।

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