लावारिस मिले बच्चों को दादा-दादी ने भी रखने से किया इंकार, बोले हम गरीब है और पिता ने कहा मैं मजदूर कैसे पालूंगा, अब चाइल्ड लाइन में रहेंगे बच्चे

 

इंदौर में पिछले माह एमवाय अस्पताल के पास लावारिस मिले चार बच्चों को अभी तक रहने का ठिकाना नहीं मिला है। फिलहाल बाल कल्याण समिति ने बच्चों को अशोक नगर स्थित बाल आश्रम को सौंपने के निर्देश दिए हैं। ताकि वहां उनका अच्छे से पालन-पोषण हो सके। यहां दादा-दादी को बच्चों से मिलने की छूट रहेगी। अब बच्चों का मेडिकल कराकर जल्द ही उन्हें अशोक नगर भेज दिया जाएगा।

पिछले माह चार बच्चों रेशमा (8), रूबी (6), शेरू (4) व सबसे छोटा बेटा सलमान (2) का पिता मुंशी खान भोपाल से इंदौर पहुंचा था। उसने बच्चों की शिनाख्त की थी। उनके आधार कार्ड व दस्तावेज लेकर लौटने का कहकर चला गया था। इस बीच चाइल्ड लाइन व पुलिस ने प्रयास किए लेकिन वह नहीं लौटा।

फिर पता चला कि उसकी पत्नी जब घर से चारों बच्चों को लेकर निकली थी तो साथ में इन सभी के आधार कार्ड सहित सभी दस्तावेज साथ ले गई थी। फिर रात को इंदौर पहुंचने के बाद इन्हें एमवाय अस्पताल के पास छोड़ा और अपने दोस्त के साथ चली गई।

दूसरी ओर चाइल्ड लाइन ने अशोक नगर में रहने वाले दादा-दादी से बात की तो उन्होंने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसलिए वे बच्चों को नहीं रख सकते। मामले में पिता मुंशी खान से बात की तो उसने कहा कि मैं मजूदरी करता हूं, बच्चों का ध्यान कैसे रख पाऊंगा।

इन सभी परिस्थितियों के मद्देनजर बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष पल्लवी पोरवाल ने निर्देश दिए हैं कि इंदौर चाइल्ड लाइन अशोक नगर की बाल कल्याण समिति से संपर्क कर चारों बच्चों को वहां के बाल आश्रम में रैफर करें ताकि उनके दादा-दादी उनसे वहां नियमित मुलाकात कर सकें।

समिति ने यह भी निर्देश दिए हैं कि अगर दादा-दादी आगे जाकर अपने घर पर बच्चों का पालन-पोषण व सुरक्षा की जिम्मेदारी ले सकते हैं तो वहां की बाल कल्याण समिति इस मामले में निर्णय ले सकती है। अगर पिता मुंशी खान भी चाहे तो वह भी बच्चों से अशोक नगर बाल आश्रम जाकर मिल सकते हैं।

चाइल्ड लाइन को-ऑर्डिनेटर शुभम ठाकुर ने बताया कि चारों बच्चे भी राजकीय बाल संरक्षण आश्रम में हैं। एक-दो दिन में उनका मेडिकल कराया जाएगा। इसके बाद आश्रम, चाइल्ड लाइन व पुलिस संरक्षण में चारों बच्चों को अशोक नगर ले जाया जाएगा।

उधर, एक माह हो गए हैं लेकिन इन बच्चों की मां के बारे में कोई सुराग नहीं लगा है। पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि वह योजनाबद्ध तरीके से अपने परिचित के साथ बच्चों को लेकर इंदौर आई। अभी तक वह कहां है इसका पता उसके माता-पिता को भी नहीं है।

पुलिस ने घटना वाली रात के संभावित स्थानों के सीसीटीवी फुटेज भी देखे लेकिन सुराग नहीं लगा। महिला के परिचित व्यक्ति के बारे में भोपाल व खण्डवा में सूत्र तलाशे जा रहे हैं।

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