‘दरिंदे ने 6 महीने पहले खुलेआम कहा था कि मैं तुझे बहुत बुरी मौत मारूंगा। आखिर उसने हमारे 12 साल के बच्चे को जान से मार दिया है। अब हमारे बेटे का जनाजा तभी उठेगा जब उसे मारा जाएगा। तभी हमें न्याय मिलेगा।’
रोते-बिलखते फूटा ये दर्द भरा गुस्सा जयपुर में लाल कोठी इलाके में रहने वाली उस परिवार का है, जिसके 12 साल के मासूम बेटे की कुकर्म के बाद हत्या कर दी गई।
हत्यारा कोई और नहीं बल्कि 23 साल बड़ा चचेरा भाई ही निकला। उसने मासूम को इतनी बुरी मौत दी कि लाश देखने वालों की रूह कांप गई। लाश को कीड़े खा जाएं, ऐसी मानसिकता के साथ हत्यारे ने उसे कट्टे में बंद कर दिया था।
मौत के 8 दिन बाद तक लाश सड़ती रही। इस बीच हत्यारा उसी परिवार का हमदर्द बनकर घूमता रहा। पुलिस को गुमराह करता रहा।
सनसनीखेज मामले की मौके से पड़ताल कर ग्राउंड रिपोर्ट की। सामने आया कि एक ही घर में सामने के कमरे में रहने वाले चचेरा भाई महज एक मजाक का बदला लेने के लिए ये हत्या की। इसकी शुरुआत कहां से हुई, हमने ये सच परिवार से जाना।
जयपुर शहर के लाल कोठी इलाके में एमडी रोड पहुंचे तो यहां लोगों ने रोड जाम कर रखी थी। मुस्लिम जमातखाने के बाहर जमा सैकड़ों की तादाद में महिलाएं और युवा नारेबाजी कर रहे थे। भारी पुलिस जाब्ते के साथ आला अधिकारी सभी से समझाइश कर रहे थे, पर ये लोग मानने को तैयार ही नहीं थे। सभी की एक ही मांग थी कि मासूम से हैवानियत कर उसका गला घोंटने वाले को उनके हवाले किया जाए या उसे सरे बाजार फांसी पर लटकाया जाए। हम जैसे-तैसे महिलाओं की भीड़ में घुसते हुए बीचों बीच पहुंचे। यहां हमें मासूम की रोती-बिलखती मां नसरीन (बदला हुआ नाम) मिली।
बच्चे को जगह-जगह से नोंच डाला, चेहरा भी नहीं देख पाई- मां
अकील (बदला हुआ नाम) मेरे चाचा ससुर का बेटा है। उससे तो हमारी कोई दुश्मनी भी नहीं थी पता नहीं क्यों उसने मेरे मासूम बेटे जावेद (बदला हुआ नाम) के साथ ऐसा किया? अब हमें इंसाफ चाहिए। उसको बीच चौराहे पर गोली मार दो। अकील से तो हमारी कोई लड़ाई भी नहीं थी। 12 साल का मेरा जावेद सातवीं क्लास में पढ़ता था, अकील उसे 8 दिन पहले उठाकर ले गया था।
इसके बाद यहीं हमारे घर के सामने वाले कमरे में ही रह रहा था। कुछ पता नहीं चलने दिया। हमने जावेद के गायब होने की शिकायत पुलिस को कर दी थी। बुधवार रात को ही पता चला कि अकील ने उसे मार दिया है। मेरे बच्चे को जगह-जगह से काट डाला था, मैं तो चेहरा भी नहीं देख पाई। अब जान का बदला अकील की जान से ही पूरा होगा। तभी हमें न्याय मिल पायेगा। इतना कहकर नसरीन फूट-फूट कर रोने लग गई।
मारे गए मासूम जावेद के दो बहने और एक भाई है। छोटे भाई जावेद की यूं दर्दनाक मौत के बाद तीनों ही बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है। सबसे बड़ी बहन हमसे कुछ कहना चाहती थी लेकिन आंसुओं ने उसके गले को इतना भर दिया कि चाहते हुए भी वो कुछ बोल नहीं पाई। तीनों भाई-बहन बार-बार एक ही मांग कर रहे थी कि जब तक अकील का जनाजा नहीं उठेगा तब तक हम हमारे भाई जावेद का भी जनाजा नहीं उठने देंगे।
परिवार के लोग बोले- ताने मारने वाली बात झूठी, हवस मिटाने के लिए हत्या
हत्या के आरोपी ने पुलिस के सामने कबूला है कि मासूम उसे गालियां और ताने देता था इसी से तंग आकर उसने हत्या की। इस पूरे मामले में परिजनों का कहना है कि जावेद महज 12 साल का मासूम बच्चा था। पुलिस कह रही है कि वो दो साल से अकील को ताने मारता था और चिढ़ाता था।
आप ही बताओ कि 10 साल का बच्चा क्या इन बातों में समझता है? असल बात ये है कि अकील की उम्र बहुत बढ़ गई थी और उसकी शादी नहीं हुई। ऐसे में अपनी हवस पूरी करने के लिए ही उसने बच्चे को किडनैप किया। इसके बाद उससे खोटा काम किया। जब लगा पोल खुल जायेगी तो उसने मर्डर कर दिया।