राष्ट्रीय हरित अधिकरण के विशेषज्ञ सदस्य डॉ अफरोज अहमद की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण योजना की समीक्षा बैठक सम्पन्न
रोहित सेठ
वाराणसी। आयुक्त सभागार में एनजीटी के विशेषज्ञ सदस्य डॉ अफरोज अहमद की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण योजना की बैठक आयोजित हुई जिसमें संबंधित विभागों द्वारा शहर में उत्पन्न होने वाले कूड़े, अपशिष्ट इत्यादि के निस्तारण के बारे में बताया गया। नगर निगम द्वारा बताया गया कि वर्तमान में शहर में 600 टन ठोस अपशिष्ट उत्पन्न होता जिसको की करसड़ा प्लांट और शहर में स्थित छोटे प्लांटों के माध्यम से 100% निस्तारण किया जा रहा तथा वर्तमान में प्लास्टिक अपशिष्ट में 100 मेट्रिक टन का उत्पादन हो रहा जिनका उचित निस्तारण किया जा रहा। डॉ अहमद ने कहा कि नदी के किनारों पर स्थित कूड़ों को बरसात से पहले निस्तारित किया जाये ताकि नदी में जाने वाले खतरनाक रसायनों को रोका जा सके। उन्होंने लुधियाना में डाई इंडस्ट्री द्वारा किये गये नदी प्रदूषण के तरफ भी बात करते हुए कहा कि इससे आस-पास के गावों में होने वाली कैंसर बीमारी प्रमुख कारण है। इस प्रकार की बीमारियों से हमें सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने डीएफओ वाराणसी को गावों में कृषि वानिकी के के तरफ प्रयास करने को कहा। डॉ अहमद ने कहा कि गंगा किनारे के गावों में रेडियो स्टेशन लगाने का प्रावधान किया जाये ताकि लोगों को जागरूक करते हुए गंगा में होने वाले प्रदूषण से बचाया जा सके।
एनजीटी के विशेषज्ञ सदस्य ने बताया कि हमारे आदेशानुसार प्रदेश में गंगा के दोनों छोर से 100 मीटर के दायरे में तथा संबंधित सहायक नदियों से 50 मीटर के दायरे में सभी निर्माण व खनन पर रोक लगाई गयी है। उन्होंने नगर निगम को प्लास्टिक बैग्स को लेकर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है ताकि 120 माइक्रोन तक प्लास्टिक बैग ही उपयोग में लाया जाये जिससे की उनको निस्तारित किया जा सके। उन्होंने कहा कि हमें वेस्ट से वेल्थ के तरफ भी बढ़ना होगा तथा ई-वेस्ट निस्तारण के तरफ भी हमें काम करना होगा। कानपुर में नालों से गंगा में मिलने वाले क्रोमियम से हुए नदी प्रदूषण के तरफ भी उन्होंने सभी का ध्यान दिलाया।
बैठक में नगर आयुक्त शिपू गिरी, विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल, नगर निगम, जलकल, वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, कृषि विभाग इत्यादि के अधिकारी मौजूद रहे।