गायत्री परिवार का दो दिवसीय जोनल कार्यशाला के तहत दूसरे दिन की कार्यशाला में असुरता एवं बुराई पर अच्छाई का बुलडोजर चलना ही चाहिए के उद्धघोष के साथ हुआ भव्य समापन।
रोहित सेठ
वाराणसी। आज दिनांक 04-06-2023 दिन रविवार को गायत्री तीर्थ शान्तिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में वाराणसी जोन के अंतर्गत आने वाले मऊ, चित्रकूट, वाराणसी एवं गोरखपुर उपजोंन के 30 जिलों के गायत्री साधकों की जोनल कार्यशाला का आयोजन सुबह 8 बजे से गायत्री शक्तिपीठ, नगवा, लंका, वाराणसी के प्रांगण में हुआ जिसमें 5 जून को पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में वृक्षारोपण की तैयारी, वन्दनीय गुरूमाता जी के जन्मशताब्दी एवं अखण्ड दीप की जन्मशताब्दी वर्ष 2026 की कार्ययोजना की प्रगति, जिला सुलतानपुर में होने वाले कन्या कौशल शिविर के जनजागरण की स्थिति एवं गृहे गृहे गायत्री यज्ञ एवं नशामुक्ति कार्यक्रम के साथ अन्य कार्यक्रमों पर प्रगति रिपोर्ट गायत्री तीर्थ शान्तिकुंज,हरिद्वार से आये प्रतिनिधियों द्वारा लिया गया ।कार्यशाला में जोन प्रभारी श्री मान सिंह जी ने कहा कि वन्दनीय माता जी एवं अखण्ड दीप की भव्य जन्मशताब्दी वर्ष 2026 दुनिया को वसुधैव कुटुम्बकम का मार्ग प्रशस्त करेगी। दिसंबर माह में जिला सुल्तानपुर में होने वाले कन्या कौशल शिविर में 15 वर्ष से 30 वर्ष की कन्याओं को कुशल बनाने की कार्यशाला होगी जहाँ उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिलों से 50 कन्याओं को भारतीय संस्कृति से परिपूर्ण कर आध्यात्मिक, व्यवहार कुशल,स्वावलंबी एवं वीरांगना बनाया जायेगा जो पूरे राष्ट्र की कन्याओं के लिये प्रेरणा स्रोत बनेंगी।
मुख्य वक्ता गायत्री तीर्थ शान्तिकुंज हरिद्वार के सुरक्षा प्रभारी एवं उत्तर प्रदेश संगठन के प्रभारी श्रद्धये नरेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि गायत्री परिवार वाराणसी, अयोध्या, आँवलखेड़ा एवं नजीमाबाद को केन्द्र बनाकर मानव में देवत्व का उदय एवं धरती पर स्वर्ग का अवतरण की थीम पर काम कर रहा है। हमार यूपी मुस्कराये जिन्हें देखकर पूरे देश की चेहरे पर मुस्कराहट आ जाये।यूपी पूरी दुनिया का मार्गदर्शक बने। जिन्हें भारतीय संस्कृति को जानना है तो बनारस, नैमिषारण्य, अयोध्या एवं आँवलखेड़ा को जाने बिना भारतीय संस्कृति को नही जाना जा सकता है।इन जगहों से ही पूरी दुनिया में खुशहाली आयी है। बाबा विश्वनाथ की कृपा से आध्यात्म की गंगा,गायत्री अथार्त सद्ज्ञान, यज्ञ अथार्त सत्कर्म के पुरुषार्थ के द्वारा मानव में देवत्व एवं धरती पर स्वर्ग का अवतरण व सनातन संस्कृति का उद्धघोष हुआ है। असुरता एवं बुराई पर अच्छाई का बुलडोजर चलना ही चाहिये जिससे समाज में धर्म की स्थापना हो सके। आगे कहा कि मनुष्य के जीवन में साधना का महत्वपूर्ण स्थान है।साधना का अर्थ माला फेरना नही है ।साधना हेतु केवल दस मिनट सूर्य की तरफ मुख करके मौन एवं ध्यान से बैठ जाये। सूर्य आध्यात्म, सृष्टि के संचालक एवं दुनिया में जितने भी ज्ञान, विज्ञान, खनिज, सम्पदा, ऊर्जा है वह सभी सूर्य की देन है और सूर्य की ऊर्जा गायत्री है।
कार्यक्रम का संयोजन वाराणसी जोन के प्रभारी श्री मान सिंह जी ने किया। संचालन श्री विद्याधर मिश्र ने किया।
संगीत श्री गणेश प्रवाह एवं बलबीर यादव ने दिया।
कार्यशाला में उपजोंन प्रभारी श्री रामजीत पाण्डेय,प्रभाकर सक्सेना, डॉक्टर रोहित गुप्ता,पंडित गंगाधर उपाध्याय,रामशंकर द्विवेदी, प्रभाशंकर द्विवेदी, प्रमोद राय,आदित्य पाण्डेय हरिशंकर मौर्या, ओम कुमार,विजेन्द्र चौबे अनिल श्रीवास्तव, दीनानाथ सिंह, क्षितिज श्रीवास्तव, सत्यनारायण यादव, हरिहर सिंह, रामशंकर पटेल, घनश्याम राम,श्रीमती रीता मिश्रा, पूर्णिमा गुप्ता, मनोरमा सिंह, श्रीमती पुष्पा सिंह, कुसुम राय, उषा शर्मा, हीरावती सिंह किरण श्रीवास्तव, पुष्पा मिश्रा एवं मीडिया प्रभारी रमन कुमार श्रीवास्तव सहित लगभग 500 गायत्री साधकों ने भाग लिया।