विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण गोष्ठी आयोजित

 

मुन्ना बक्श ब्यूरो चीफ

जसपुरा/बांदा। जसपुरा क्षेत्र के गलौली गाँव में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वृजेन्द्र सिंह गौतम अध्यक्ष प्रधान संघ बाँदा के संयोजकता मे कल्प वृक्ष समीप आयोजित पर्यावरण गोष्ठी परिसर में हरिशंकरी का वृक्षारोपण संयुक्त रूप में जिला वन अधिकारी बाँदा संजय अग्रवाल, वृजेन्द्र सिंह गौतम, आक्सीजन बाबा-रामकृष्ण अवस्थी, डा. इन्द्र वीर सिंह जादौन, डॉक्टर देवी सिंह, उमंग सिंह द्वारा किया गया।सभी वनाधिकारियों ने किया सहयोग।इस दौरान समुदाय के सभी उपस्थित जनों को एक एक वृक्ष दिया गया उपहार स्वरूप।
बहुत लोग त्रिवेणी वृक्ष से परिचित हैं लेकिन हरिशंकरी है क्या-पीपल, बरगद, पाकड़ इन तीनों वृक्षों को एक साथ स्थापित किया जाना इस ग्रुप को ही हरिशंकरी कहा जाता है।
हरिशंकरी का अर्थ है-विष्णु और शंकर की छायावली हिंदू मान्यता मे पीपल को विष्णु व बरगद को शंकर का स्वरूप माना गया है।मत्स्य पुराण के अनुसार पार्वती जी के श्राप वश विष्णु-पीपल, शंकर-बरगद व ब्रह्मा -पलाश वृक्ष बन गए।पौराणिक मान्यता मे पाकड वनस्पति जगत का अधिपति व नायक हैं।याज्ञिक कार्यों हेतु श्रेष्ठ छाया वृक्ष है।इस प्रकार हरिशंकरी की स्थापना एक परम पुण्य व श्रेष्ठ परोपकारी कार्य माना गया है।
-जो व्यक्ति विधि पूर्वक पीपल वृक्ष का रोपण करता है।वह चाहे जहां भी हो,भगवान विष्णु के लोक को जाता है।-वृक्षायुर्वेद
-जो विधि के अनुसार बरगद वृक्ष का रोपण करता है।वह शिव लोक को जाता हैं और वहां अप्सराएं उसकी सेवा करती हैं।-वृक्षायुर्वेद
-जो व्यक्ति चार पाकड़ वृक्षों का रोपण करता है।वह राजसूय यज्ञ करने का फल पाता है, इसमें कोई संशय नहीं।-वृक्षायुर्वेद
रामचरित मानस में हरिशंकरी के वृक्षों का महत्व
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रामचरित मानस के उत्तर काण्ड मे शिव जी पार्वती जी को काकभुशुण्डि जी के निवास स्थान के वर्णन मे हरिशंकरी के वृक्ष बरगद, पीपल और पाकड़ क चित्रण इस तरह करते हैं ः-
पीपर तरु तर ध्यान जो धरई।
जाप जज्ञ पाकरि तर करई।।
आँव छाँह करि मानस पूजा।
तजि हरि भजन काजु नहि दूजा।।
बर तर कह हरि कथा प्रसंगा।
आवहिं सुनहिं अनेक विहंगा।।
अर्थात-वह (कागभुशुण्डि) पीपल के वृक्ष के नीचे ध्यान करता है, पाकर के नीचे जप यज्ञ करता है, आम की छाया मे मानसिक पूजा करता है, श्री हरि के भजन को छोडकर उसे दूसरा कोई काम नहीं है।बरगद के नीचे वह श्री हरि के कथाओं के प्रसंग कहता है, वहां अनेक पक्षी आकर कथा सुनते हैं।
आप सभी से जिला वन अधिकारी बाँदा संजय अग्रवाल और आक्सीजन बाबा-रामकृष्ण अवस्थी अपील करते हैं कि अपने अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक हरिशंकरी पौधों का वृक्षारोपण करें।

समस्त भारतवासियों से अनुरोध-आक्सीजन बाबा-रामकृष्ण अवस्थी ( बेटा माँ भारती का) -प्राथमिक विद्यालय खुरहण्ड-क्षेत्र-महुआ जनपद -बाँदा (उत्तर प्रदेश) के स्वतः वृक्षारोपण अभियान को सभी आगे बढाएं- एक सदस्य -एक वृक्ष स्वतः लगाएं ।। स्वतः गुठली बैंक बनाकर पौंध तैयार करें एक दूसरे को पौंधा दान देकर धरा को हराभरा बनाएं।। घर-घर तुलसी .हर घर तुलसी।।सेहत का राज-मोटा अनाज।।

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