फैसला: सामूहिक हत्याकांड में दस को उम्रकैद – पंद्रह आरोपियों में पांच की हो चुकी मृत्यु

फतेहपुर। 31 साल पहले एक ही दिन में हुए दो हत्याकांड के मामले में अपर सत्र न्यायालय पास्को एक्ट कोर्ट प्रथम के न्यायाधीश विनोद कुमार चौरसिया की अदालत ने दस आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही सभी आरोपियों पर 30-30 हजार का जुर्माना भी ठोका है। अर्थदंड अदा न करने पर दोषियों को अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।
अभियोजक देवेंद्र कुमार सिंह भदौरिया ने बताया कि खागा कोतवाली क्षेत्र के पाई गांव निवासी श्याम बिहारी शुक्ला ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया था कि 27 जुलाई 1992 की दोपहर करीब डेढ़ बजे कौशांबी के थाना सैनी के कानेमई गांव निवासी संतोष, राकेश व झल्लर आदि ने उसके नाती दिनेश की हत्या कर शव को गायब कर दिया था। मामले में वादी ने थाना सैनी में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद उक्त आरोपी अपने साथियों बड़कू नाई, छुटकू, चंद्रपाल, बूंदी पासी, लल्लू व लल्लू उर्फ लल्लू नाई निवासीगण कचपुरवा थाना खखरेरू व अंसार, सैद, निसार, मकबूल, इकबाल, सत्तार, रसीद, एजाज निवासीगण पाई थाना खागा पहुंचे और गांव में ही एक कमरे में ताश खेल रहे वादी के बेटे कमलाकांत उर्फ जुगलाल, नरेंद्र कुमार, कृष्ण कुमार, कृष्ण अवतार, बम शंकर उर्फ गिरजा शंकर, ओम प्रकाश व रमाकांत पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। घटना में बम शंकर उर्फ गिरजा शंकर ओम प्रकाश शिवजी लाल उर्फ कमलाकांत नरेंद्र कुमार रमाकांत सहित पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। वादी की तहरीर पर पुलिस ने उक्त सभी आरोपियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। विचाराधीन के दौरान घटना को अंजाम देने वाले पांच हत्यारोपियों की मौत हो चुकी हैं। मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से छह गवाहों को पेश किया गया। गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने घटना का दोषी ठहराते हुए यह फैसला सुनाया है।

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