जीवा का हमलावर बोला- 20 लाख की हुई डील, काठमांडू के माफिया ने दी सुपारी, लखनऊ जेल में बंद उसके भाई की जीवा ने की थी बेइज्जती

 

लखनऊ कोर्ट में हार्डकोर क्रिमिनल संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या मामले में गुरुवार रात नया मोड़ आ गया। हत्यारोपी विजय यादव ने पुलिस को बयान दिया है कि उसने काठमांडू (नेपाल) के माफिया अशरफ के कहने पर जीवा की हत्या की। विजय की इस कहानी में माफिया अतीक का नाम भी आया है। उसने अशरफ को माफिया अतीक का दोस्त बताया है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शुरुआती पूछताछ में हत्यारोपी विजय ने बताया कि जीवा की हत्या की डील नेपाल की राजधानी काठमांडू में हुई थी। वहां उसकी मुलाकात अशरफ नाम के व्यक्ति से हुई। वह नेपाल का माफिया है। उसने ही जीवा की फोटो दिखाकर उसकी हत्या के लिए 20 लाख रुपए की सुपारी दी थी।

 

अशरफ ने जीवा की हत्या क्यों करवाई। उसकी क्या दुश्मनी थी? इस सवाल पर विजय ने पुलिस को बताया कि अशरफ का भाई अतीफ लखनऊ जेल में बंद है। वहां कुछ दिन पहले जीवा और अतीफ में विवाद हो गया था। जीवा ने उसकी दाढ़ी नोंच ली थी। कई बार बेइज्जत किया। यह बात अशरफ को पता चली थी। इसके बाद उसने जीवा की हत्या का प्लान बनाया।

विजय ने यह भी बताया कि लखनऊ पहुंचने पर पांच हजार रुपए और पिस्टल दी गई। बाकी, पैसा काम होने के बाद देने को कहा गया था। बड़ी रकम मिलने के लालच में ही उसने जीवा की हत्या की सुपारी ले ली थी।

 

पुलिस को विजय यादव के इस बयान पर पूरा भरोसा नहीं हो रहा है। पुलिस को लग रहा है कि जांच भटकाने के लिए वह ऐसा कह रहा है। हालांकि, पुलिस ने अशरफ और उसके भाई की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी। अशरफ-अतीफ नाम के शख्स हैं या नहीं। अगर हैं तो क्या उनका जीवा से कोई कनेक्शन था। विजय कब नेपाल गया था। उसका अशरफ से क्या कनेक्शन है। पुलिस इन सवालों के जवाब तलाश कर रही है।

 

कोर्ट में बाथरूम नहीं था इसलिए बाहर लाए
जीवा की सुरक्षा में तैनात दरोगा उदय प्रताप सिंह ने इस हत्याकांड की एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने तहरीर में लिखा कि संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को जिला कारागार लखनऊ से 7 जून को करीब 11.30 बजे कोर्ट लाया था। केस की गवाही चल रही थी कि करीब 3.15 पर जीवा ने बाथरूम जाने की बात कही।

 

कोर्ट में बाथरूम की व्यवस्था नहीं होने की वजह से उसको बाहर बने बाथरूम में ले जाया गया था। वहां से उसे वापस कोर्ट लाया जा रहा था। कोर्ट रूम के गेट के पास ही एक व्यक्ति, जोकि वकील के कपड़ों में था। उसने अचानक रिवाल्वर निकालकर जीवा पर पीछे से फायरिंग करनी शुरू कर दी।

जीवा घायल होकर गिर गया। हर तरफ भगदड़ मच गई। गोली मारने वाले व्यक्ति को हम लोगों ने मौके पर दबोच लिया। उसका रिवाल्वर और 6 खोखा कारतूस छीन कर कब्जे में लिए। हमलावर ने पूछने पर अपना नाम विजय यादव उर्फ आनन्द यादव बताया। इसी बीच मौके पर मौजूद आक्रोशित वकीलों ने हमलावर को पीटना शुरू कर दिया। किसी तरह उसे बचाया गया।

 

विजय को कोर्ट तक पहुंचाने और पनाह देने वाले की तलाश
शूटर विजय ने पुलिस को बताया है कि उसको शहर में किसी व्यक्ति ने पनाह दी थी। उसने ही उसको कोर्ट तक छोड़ने से पहले वकील की ड्रेस मुहैया कराई थी। उसे वह नहीं पहचानता है। इसके बाद, पुलिस कोर्ट से लेकर कैसरबाग बस अड्डे तक लगे सीसीटीवी खंगालती रही है। सूत्रों के मुताबिक, विजय सिर्फ कैसरबाग बस अड्डे से डीएम ऑफिस के बीच एक कैमरे की फुटेज में दिखा है।

इससे साफ है कि वह बस अड्‌डे की तरफ से कोर्ट आया था। सीसीटीवी में विजय के पीछे एक काले कोट में युवक भी दिखा है। लेकिन वह उसका साथी था कि नहीं, अभी इसका पता नहीं चल सका है। टीम उसको भी ट्रेस करने की कोशिश कर रही है। पुलिस को बस अड्डे से कोर्ट गेट तक करीब 18 सीसीटीवी लगे मिले। इसमें से 7 खराब थे।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि हत्यारोपी विजय की बातों से ऐसा लग रहा है कि वह किसी के कहने पर चल रहा है। जांच को प्रभावित करने के लिए इस तरह के बयान दे रहा है। क्योंकि, जिस रिवॉल्वर से हत्या हुई उसको पश्चिम के शूटर इस्तेमाल करते हैं। इस पूरे घटनाक्रम को एक पूर्व सांसद से जोड़कर भी जांच हो रही है। उसकी पूर्वांचल में अच्छी पकड़ है और मुख्तार गिरोह का एंटी ग्रुप है। इसलिए, पुलिस उस एंगल को भी नजरअंदाज नहीं कर रही है।

 

इन सवालों का जवाब खोज रही पुलिस 
पूरी घटना का विवेचक इंस्पेक्टर मनोज मिश्र को बनाया गया है। साथ ही SIT भी मामले की जांच कर रही है।

शूटआउट की मुख्य वजह क्या थी?

हमलावर किसके कहने और किसके साथ आया?

हथियार किसने मुहैया कराया?

हमलावर का अपराधियों से कनेक्शन क्या है?

अतीक के दोस्त अशरफ के संपर्क में कैसे आया?

जीवा के आने-जाने की मुखबरी किसने की?

 

सुरक्षा में आए पुलिस कर्मियों के SIT ने लिए बयान
SIT ने गुरुवार शाम को JCP कानून व्यवस्था के कार्यालय में जीवा की सुरक्षा में आए 10 पुलिसकर्मियों के बयान लिए। वहीं, जीवा की हत्या के मामले में पुलिस अफसरों ने कोर्ट की सुरक्षा में तैनात 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। शुरुआती पड़ताल में इन पुलिसकर्मियों की लापरवाही उजागर हुई है। यह पुलिस कर्मी कोर्ट परिसर के गेट नंबर 5, 7 व 8 पर तैनात थे।

बुधवार को कोर्ट में पेशी पर आए जीवा को हमलावर ने 6 गोलियां मारी। हमलावर ने शॉर्प शूटर की तरह जीवा पर हमला किया। निशाना इतना सटीक था कि मैग्नम अल्फा .357 बोर रिवॉल्वर से चली सभी गोलियां उसे लगी। पीएम रिपोर्ट के मुताबिक, बॉडी पर बुलेट के 16 एंट्री-एग्जिट प्वाइंट है। 6 गोलियां सीने में लगी। सभी पार हो गई। 12 होल इसके हैं। जबकि हाथ सीने में लगाने पर उसमें भी होल हो गया। यानी, 4 और होल।

 

चेक रिपब्लिक की मेड मैग्नम अल्फा रिवॉल्वर से किया हमला
पुलिस के मुताबिक, हमलावर विजय ने चेक रिपब्लिक मेड मैग्नम अल्फा .357 बोर रिवॉल्वर से हमला किया। पुलिस ने मौके से बरामद रिवाल्वर और खोखों की बैलिस्टिक जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया है। इस रिवॉल्वर की कीमत 5-6 लाख है। कारतूस डेढ़ से दो हजार रुपए में आता है। पंजाब-हरियाणा में यह रिवॉल्वर ज्यादा मिलती है। भारत में ये रिवॉल्वर और कारतूस प्रतिबंधित नहीं है।

पुलिस ने गुरुवार रात भारी सुरक्षा के बीच विजय को गोसाईगंज स्थित जेल में दाखिल कर दिया। कोर्ट ने विजय यादव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद SIT टीम ने उसके बयान लिए। फिर डॉक्टरों की सलाह लेने के बाद जेल शिफ्ट कर दिया।

 

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