दुष्कर्म करने में असफल हुआ तो काट दी नस, लात-घूंसों से की पिटाई, बक्से में किया बंद

 

 

फरीदाबाद के सराय थाना के अंनगपुर डेयरी इलाके में हुई आठ साल की मासूम की दुष्कर्म की कोशिश और हत्या मामले में पुलिस ने जो देखा और सुना वह शब्दों में बयां करना आसान नहीं है। गिरफ्तार आरोपी बिजेंद्र ने बच्ची से दुष्कर्म करने के लिए पूरी ताकत का इस्तेमाल किया लेकिन बच्ची आरोपी का डटकर मुकाबला करती रही। तमाम प्रयासों से बाद भी जब आरोपी मकसद में कामयाब नहीं हो पाया तो सब्जी काटने के चाकू से बच्ची की कलाइयों की नसें काट दीं। इतने पर भी मासूम ने हिम्मत नहीं हारी। वह मुकाबला करते हुए मदद के लिए शोर मचाती रही। आरोपी ने घर में लोहे के बक्से में बच्ची को डालकर आवाज दबानी चाही लेकिन वह लगातार शोर मचाती रही।

बिजेंद्र ने वहशीपन की हद पार करते हुए बच्ची को लात घूंसों से पीटना शुरू कर दिया। पोस्टमार्टम रिपार्ट अभी पुलिस को नहीं मिली है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि बच्ची के फेफड़ों पर भारी दबाव डाला गया है। चेहरे और शरीर के कई हिस्सों पर मारपीट के निशान हैं। जिस बक्से से बच्ची को बरामद किया गया उसमें बच्ची के सिर के बाल मिले हैं, यानी आरोपी ने बाल भी नोचे थे। पुलिस ने मामले में एससी की धारा भी जोड़ दी है। बच्ची का परिवार पश्चिम बंगाल के जलपाईगुडी का रहने वाला है। एसीपी क्राइम मामले की जांच कर रहे हैं।

खुद दो बेटियों का पिता फिर नहीं पसीजा आरोपी का दिल

क्राइम ब्रांच डीएलएफ ने मूल रूप से गोरखपुर निवासी आरोपी बिजेंद्र को घटना के कुछ घंटों बाद ही गिरफ्तार कर लिया। बृहस्पतिवार को पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया। आरोपी से घटना में इस्तेमाल चाकू बरामद कर लिया गया है। पूछताछ में सामने आया आरोपी खुद दो बेटियों का पिता है। उसकी एक बेटी की उम्र ग्यारह साल, बेटे की उम्र सात साल और छोटी बेटी की उम्र करीब डेढ़ साल है। वारदात के समय आरोपी की पत्नी और बच्चे घर पर नहीं थे। आरोपी ने बच्ची को दस रुपये देकर गुटखा लाने के लिए दुकान पर भेजा था। बच्ची जब वापस आई तो आरोपी ने उसे कमरे के अंदर खींच लिया। मनमानी करने पर बच्ची ने शोर मचाया तो आरोपी ने चाकू उठा लिया था।
पुलिस ने बीस मिनट में तय किया सफदरजंग तक का सफर
सराय थाना पुलिस को रात करीब 11:30 बजे घटना की सूचना मिली थी। दो युवक एंबुलेंस का इंतजार करने की बजाय बाइक पर ही निजी अस्पताल में ले गए। सुविधा नहीं होने के कारण निजी अस्पताल ने बच्ची को भर्ती करने से मना कर दिया। इसके बाद युवक बच्ची को एशियन ले गए लेकिन महंगे इलाज की वजह से बाइक बीके की तरफ मोड दी। बीके में प्राथमिक उपचार के बाद दिल्ली रेफर किया गया। तब तक बारह बज चुके थे। सराय थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विनीत यादव, जांच अधिकारी पीएसआई पवन तोमर, हवलदार धमेंद्र, महिला सिपाही शर्मिला, चालक संदीप व सिपाही संजीत एंबुलेंस के आगे एस्कॉर्ट करते हुए गए। मात्र बीस मिनट के भीतर सफदरजंग अस्पताल में बच्ची को भर्ती करा दिया गया। यहां पांच डॉक्टरों की टीम ने बच्ची का इलाज शुरू किया। दस मिनट के लिए बच्ची होश में आई लेकिन कुछ बोली नहीं, बुधवार सुबह करीब ग्यारह बजे उसने दम तोड़ दिया।

यह था पूरा मामला

मंगलवार रात करीब साढे छह बजे आठ साल की बच्ची अंनगपुर डेयरी इलाके से गायब हो गई। रात करीब साढे दस बजे पड़ोसी के कमरे में बेड में रखे एक बक्से में बच्ची बेसुध हालत में बरामद हुई। सूचना पर पुलिस ने बच्ची को गंभीर हालत में बीके अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया। बुधवार दोपहर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। आरोपी की पहचान मूलरूप से गोरखपुर निवासी बिजेंद्र के रूप में हुई है। बुधवार को आरोपी को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया।
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