वाराणसी को जल्द मिलेगी ‘सोवा रिग्पा’ की सौगात, तिब्बती चिकित्सा पद्धति से होगा इलाज,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे उद्घाटन
वाराणसी। उत्तर प्रदेश का पहला तिब्बती अस्पताल सोवा रिग्पा केंद्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन संस्थान बनकर तैयार हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही इसका उद्घाटन करेंगे। इस अस्पताल के शुरू होने से काशी ही नहीं पूर्वांचल समेत प्रदेश की जनता को तिब्बती चिकित्सा पद्धति से इलाज की सुविधा मिलेगी।
मरीजों के इलाज के साथ यहां शोध भी होंगे। सेमिनार, अध्यापन, शोध और मरीजों का इलाज एक साथ करने वाला यह देश में इकलौता इतना बड़ा केंद्र होगा। 95 करोड़ की लागत से तैयार होने वाला ये अस्पताल 100 बेड का होगा। पहले फेज में 47.5 करोड़ की लागत से चार मंजिला अस्पताल बनकर तैयार हो चुका है। मौजूदा वक्त में ऑडिटोरियम में फिनिशिंग का काम चल रहा है।
19404 स्क्वायर मीटर में बना ये अस्पताल आने वाले समय में नौ मंजिला हो जाएगा। फिलहाल 1617 स्क्वायर मीटर में डबल बेसमेंट के साथ चार मंजिल का कार्य पूरा हो चुका है।
अस्पताल के उद्घाटन के बाद यहां पर इलाज के साथ अध्ययन और शोध के काम भी होंगे। तीन हजार साल पुरानी तिब्बती चिकित्सा पद्धति सोवा रिग्पा में असाध्य बीमारियों के साथ ही कैंसर का भी इलाज प्राचीन चिकित्सा पद्धति से हो सकेगा
सोवा रिग्पा अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए सभी सुविधाओं के साथ ही हेलिपैड का निर्माण भी प्रस्तावित है। अस्पताल में कांफ्रेंस समेत विभिन्न गतिविधियों के लिए आधुनिक ऑडिटोरियम तैयार किया गया है। इसमें पांच सौ लोग एक साथ बैठ सकेंगे। इसमें ओपीडी, आईपीडी, छह कंसल्टेंट रूम, ज्योतिष कंसल्टेंट रूम, अत्याधुनिक इमरजेंसी, इंटेंसिव केयर यूनिट, ऑपरेशन थियेटर, फार्मेसी के साथ एक बड़ा वेटिंग हॉल, क्लासरूम, लाइब्रेरी, म्यूजियम, लैब और नक्षत्र शाला भी होगी
रोवा रिग्पा चिकित्सा पद्धति में मरीजों के इलाज के लिए यहां हिमालयी क्षेत्र से जड़ी बूटियां आती हैं। अरुणाचल प्रदेश के तमांग में करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर पांच एकड़ का हर्बल गार्डन है। सोवा रिग्पा पद्धति से इलाज के लिए संस्था औषधियां भी खुद बनाती है। कुलसचिव डॉ. सुनीता चंद्रा ने बताया कि वर्तमान में सोवा रिग्पा की ओपीडी पुराने भवन में संचालित हो रही है। रोजाना सौ मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आते हैं।
केंद्रीय तिब्बती उच्चतर संस्थान के कुलसचिव डॉ. सुनीता चंद्रा ने कहा कि तिब्बती चिकित्सा पद्धति का लाभ जल्द पूर्वांचल समेत प्रदेश की जनता को मिलेगा। अस्पताल के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है और पूरा प्रशासनिक अमला इसमें लगा हुआ है।