हज हाउस के बाहर ट्रेलर ने कई गाड़ियों में मारी टक्कर, युवकों को रौंदा, मौत

 

लखनऊ में हज हाउस के बाहर ट्रेलर ने कई गाड़ियों में टक्कर मार दी। दो युवकों को रौंद दिया। हादसे में DCM के नीचे दोनों युवक दब गए। क्रेन की मदद से दोनों के शव बाहर निकाले गए। मौके पर पहुंची सरोजनी नगर पुलिस ने ट्रेलर को कब्जे में ले लिया है। मृतक युवक हज के लिए जाने वाले परिवार के लोगों को छोड़ने आए थे। हादसा रात करीब 3:30 बजे हुआ है।

दो की मौतपरिवार को ड्रॉप करने आए थे दोनों

इंस्पेक्टर शैलेंद्र गिरी के मुताबिक मृतक आसिफ हसन(26) और फिरोज अनवर (45) मूल रूप से आजमगढ़ के मुबारकपुर के रहने वाले हैं। इंस्पेक्टर के मुताबिक आजमगढ़ के मुबारकपुर निवासी जहीर उल हसन पत्नी यासमीन के साथ हज करने के लिए जा रहे थे।

उनको छोड़ने के लिए बड़ा बेटा आसिफ परिवार के साथ आए थे। वहीं दूसरी गाड़ी में उनके पड़ोसी फिरोज अनवर माँ शरीफू निशा छोटे बेटे हसन रिजवी के साथ हज करने के लिए जा रही थी। उनको छोड़ने के लिए आसिफ हसन की पत्नी हिना भी साथ थी।

बेटे जावेद ने बताया कि गाड़ी से उतरकर सारे लोग हज हाउस के सामने रोड पर खड़े हुए थे। जिसमें आसिफ फिरोज सरिम जमील घर वालों से थोड़ा दूर रह कर बात कर रहे थे। तभी एक अनियंत्रित ट्रेलर ने बिजली के खंभे और वाहनों को टक्कर मारते हुए आसिफ और फिरोज को रौंद दिया। वहीं चाचा जमील को टक्कर मारकर घायल कर दिया। इंस्पेक्टर के मुताबिक हादसे के तुरंत बाद चालक मौके से फरार हो गया। दोनों को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद घायल को अस्पताल में भर्ती कराया।

हज हाउस में लोगों से मांगी मददनहीं आया कोई

परिवार वालों ने बताया कि हादसे के बाद कुछ लोग तो बेसुध हो गए। हज हाउस में जाकर मदद मांगी तो किसी ने एक भी सुनवाई नहीं की गई। यही नहीं कई बार अंदर जाकर गुहार लगाई, लेकिन हर बार निराशा हाथा लगी।

प्रॉपर्टी डीलिंग का करता था काम आसिफ हसन

पुलिस के मुताबिक फिरोज अनवर की पत्नी रिजवाना और चार बच्चे हैं। फिरोज आजमगढ़ में रहकर हैंडलूम साड़ियां बनाने का का काम करता हैं। वहीं से कर घर का खर्च चलाता था। फिरोज की मौत से परिवार पूरी तरह बिखर गया। सभी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है।माता-पिता के सामने हुई बच्चों की मौत मां-बाप ने अपने सामने बेटे की मौत देखी तो बेसुध होकर गिर पड़े। यह सदमें चले गए। हादसे के बाद से न तो किसी से बोल रहे न कोई बात कर रहे हैं। वहीं फिरोज के परिवार वाले भी कुछ बोल ही नहीं रहे हैं। दोनों बस यह कह रहे थे कि यह क्या हो गया? कैसे हो गया। ऐसे छोड़कर चले जाएंगे? रो-रो कर कह रही थी कि अब मैं घर वापस जाकर अपने पोते-पोतियों से क्या जवाब दूंगी? जब वह अपने पिता के बारे में पूछेंगे। क्या कहूंगी।

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