डेंगू के अबतक दो लाख से ज्यादा मामले दर्ज, 200 लोगों की मौत

 

 

दक्षिण अमेरिकी देश पेरू पर इन दिनों डेंगू की मार पड़ी है। पेरू में डेंगू के रिकॉर्ड मामले दर्ज किए जा रहे हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पेरू में डेंगू के अबतक दो लाख से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं, जबकि 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

पेरू की मौजूदा स्थिति के लिए अल नीनो को जिम्मेदार माना जा रहा है, क्योंकि अल नीनो जलवायु घटना की वजह से मूसलाधार बारिश और मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है। इसी वजह से डेंगू के मामलों में वृद्धि देखी गई है।

कहां हुईं ज्यादातर मौतें?

पेरू के उत्तरी हिस्से में डेंगू की वजह से ज्यादातर लोगों ने अपना दम तोड़ दिया। जहां पर अस्पतालों पर क्षमता से अधिक बोझ पड़ रहा है। इसी के साथ ही एक बार फिर कोरोना महामारी की यादें ताजा हो गईं जब संक्रमण के मामले इतने ज्यादा बढ़ गए थे कि अस्पतालों में संक्रमित मरीजों को बिस्तर तक नहीं मिल पा रहा था।

देश के स्वास्थ्य अधिकारियों ने डेंगू के मामलों में भारी वृद्धि के लिए अल नीनो की ओर इशारा किया। प्राकृतिक जलवायु घटना प्रशांत क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को बढ़ावा देती है, जिससे क्षेत्र में वर्षा और बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।

सरकार ने देशवासियों से की अपील

इस बीच, स्वास्थ्य अधिकारियों ने देशवासियों को खुले कंटेनरों में पानी को एकत्रित न करने की सलाह दी। स्वास्थ्य मंत्री रोजा गुतिरेज ने कहा कि मच्छरों के प्रजनन स्थलों को खत्म करने में हमारी सहायता करें।

क्या है अल नीनो?

अल नीनो प्रशांत महासागर के भूमध्यीय क्षेत्र में समुद्री घटनाओं में से एक है। समुद्री सतह के तापमान में समय-समय पर बदलाव होने से दुनियाभर के मौसम पर इसका असर दिखता है। अल नीनो एक ऐसी स्थिति है जिसकी वजह से तापमान गर्म होता है।

आसान शब्दों में समझाएं तो प्रशांत महासागर में पेरू के निकट समुद्री तट के गर्म होने की घटना को अल नीनो कहा जाता है। अल नीनो को जलवायु प्रणाली का ही हिस्सा माना जाता है। हाल ही में अमेरिका के मौसम विज्ञानियों ने दावा किया था कि अल नीनो सक्रिय हो गया है और इसकी वजह से भयंकर गर्मी पड़ने की संभावना है।

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