आम के अलावा अन्य फलों के निर्यात पर भी सरकार फोकस कर रही है। इसके लिए निवेशकों से बात की जा रही है। सरकार का मानना है कि अब दूसरे फलों का भी कारोबार बढ़े। इस बाबत निजी निर्यातकों से भी बात की जा रही है।
राज्य औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हाफेड) इन फसलों के उत्पादक किसानों से भी संपर्क कर रहा है तो साथ ही ऐसे निवेशकों से भी संपर्क साधा जा रहा है, जो इसमें मदद कर सकते हैं।
प्रदेश में आम का सीजन आ गया है और इसके निर्यात को लेकर तैयारी जोरों पर है। यहां प्रतिवर्ष 35 से 40 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन होता है। इसके अलावा अब केला, अमरूद, पपीता आदि की फसलों पर भी फोकस करने की तैयारी है।
दरअसल, अब इन उत्पादों के जीआई टैग उपयोगकर्ता भी सामने आ रहे हैं। ऐसे में इनका निर्यात किसानों के लिए लाभकारी होगा। निर्यात के लिए अमेरिका, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, दुबई, भूटान, स्विटजरलैंड, फ्रांस आदि देशों पर फोकस है।
यहां दाम भी सही मिलता है और यहां भारतीय फलों को चाहने वालों की भी खासी संख्या है। हाफेड के प्रबंध निदेशक अंजनी श्रीवास्तव ने बताया कि सभी फसलों पर फोकस किया जा रहा है। इससे फल उत्पादकों की स्थिति और बेहतर हो सकती है।