चार साल से सर्जन व पांच वर्षों से बाल रोग विशेषज्ञ की कमी – फास्ट रेफरल यूनिट में प्रतिदिन 350 आते मरीज, होते परेशान – अधीक्षक और नर्सों की मिली भगत से सीएचसी से रेफर किए जाते गर्भवती मरीज
खागा/फतेहपुर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीएचसी को सुविधाओं के लिहाज से उच्चीकृत करते हुए फस्र्ट रेफरल यूनिट एफआरयू का दर्जा दिलाया गया। छह साल पहले तक सीएचसी में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती रही उसके बाद से एक-एक करके कई चिकित्सक तबादले पर चले गए। विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती न होने से मरीजों को आए दिन परेशानी होती है जिन्हे जिला अस्पताल की शरण में जाना पड़ता है। छह साल पहले तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बाल रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, सर्जन, दंत विशेषज्ञ तथा नेत्र विशेषज्ञ के साथ ही डॉक्टरों की तैनाती का फायदा मरीजों को मिलता था।
जानकारी से पता चला कि वर्ष 2017-18 में एफआरयू के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राहुल केसरवानी ने नौकरी छोड़ दी। इनके स्थान पर छह साल के बाद भी बाल रोग विशेषक की तैनाती नहीं हो सकी। इसी तरह 2018 व 19 में तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक व सर्जन डॉ सुनील चैरसिया का तबादला बिंदकी कर दिया गया था। इनके जाने के बाद एफआरयू में सर्जन की तैनाती नहीं हुई। हालांकि मौजूदा चिकित्सक डॉ शिवशंकर यादव विशेषज्ञ हैं। सर्जन की तैनाती न होने से शल्य चिकित्सा के लिए मरीजों को जिला अस्पताल भेजा जाता है। एफआरयू में महिला रोग विशेषज्ञ के लिए भी मरीजों को कई वर्षों तक इंतजार करना पड़ा। छह साल बाद 2022 में महिला रोग विशेषज्ञ की तैनाती हो सकी। उनके भी नखरों से गर्भवती महिलाएं परेशान होती है। सप्ताह में तीन दिन ड्यूटी तो तीन दिन स्वयं का प्राइवेट अस्पताल चला रही है। हड्डी रोग विशेषज्ञ की तैनाती न होने से मरीजों को दर्द से कराहते हुए जिला अस्पताल तक का सामना करना पड़ता है दो साल पहले एफआरयू में तैनात रहे डॉक्टर केपी सिंह को जिला अस्पताल बुला लिया गया। मौजूदा समय में एफआरयू में हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं है।
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एफआरयू में इनकी है तैनाती
चिकित्सा अधीक्षक डॉ शिवशंकर यादव के अलावा गाइनकोलॉजिस्ट डॉ कामना सिंह, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ शैलेंद्र पटेल, एमबीबीएस डॉ उमेश कटियार, डॉ सुभाष धर द्विवेदी, डॉ नफीस, संविदा के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ जयप्रकाश, दंत चिकित्सक डॉ वीरेंद्र चैधरी तैनात है।
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बाल व हड्डी रोग विशेषज्ञ बेहद हैं जरूरी
प्रतिदिन एफआरयू में 300 से 350 नए मरीज आते हैं। पुराने मरीजों को शामिल कर लिया जाए तो यह संख्या 500 पार पहुंच जाती है। सर्दी, जुखाम, बुखार, बदन दर्द, हड्डी आदि से संबंधित शिकायत लेकर आने वाले मरीजों में तमाम बच्चे होते हैं। बाल रोग विशेषक की तैनाती न होने से छोटे बच्चों को फतेहपुर या फिर सिराथू कौशांबी जाना पड़ता है।
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मरीजों को दिलाई जा रही बेहतर सेवाएं
खागा सीएचसी के अधीक्षक डॉ शिवशंकर यादव ने बताया कि एफआरयू में रोग विशेषज्ञ चिकित्सक कम है। मौजूदा समय पर पर्याप्त स्टाफ के साथ ही संसाधन और दवाएं उपलब्ध हैं। आने वाले मरीजों को बेहतर सेवाएं दिलाई जा रही हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती के लिए पत्राचार किया जा चुका है।