सिलपाही खदान में धड़ल्ले हो रहा अवैध खनन/परिवहन

 

मुन्ना बक्श ब्यूरो चीफ

 

नरैनी/बांदा।आखिर कौन डालेगा खनन माफियाओं पर नकेल?

सिलपाही खदान में अवैध खनन व परिवहन जोरों पर है। नरैनी क्षेत्र अंतर्गत सिलपाही खदान में एनजीटी के नियमों को ताक में रखकर धड़ल्ले से‌ हो रहा अवैध खनन व परिवहन । जो इस समय सुर्खियां बटोर रहा है।

 

सिलपाही खदान संचालक अपनी धाक जमाकर अवैध खनन कर रहा है। इस माफिया के रसूख के आगे जिला प्रशासन नतमस्तक है। जिले के जिम्मेदार कार्यवाही न करके खनन माफियाओं के चरन चुम्बन कर रहे हैं। आखिर कौन डालेगा खनन माफियाओं पर नकेल यह सवाल बनकर रह गया है। जिसका जवाब देने में नाकाम साबित हो रहा जिला प्रशासन।

 

लाल सोने की लूट की चाह बांदा जनपद में लगातार परवान चढ़ती जा रही है। इस धंधे में खनन कारोबारी जमकर अवैध खनन करते हुए अपनी तिजोरियों को अवैध खनन से प्राप्त होने वाली रकम से भर रहे हैं और सरकार के राजस्व को चूना लगा रहे हैं।

 

नरैनी क्षेत्र में बहादुरपुर स्योढ़ा संचालित होने वाली खदान सिलपाही में स्थानीय अधिकारियों को सेट करके खदान संचालक द्वारा खनन नीति को धता बताते हुए अवैध खनन का खेल जमकर खेला जा रहा है।

 

जिले के जिम्मेदार अपने लग्जरी कार और एसी कमरे का लुत्फ उठा रहे हैं जिन्हें इस अवैध खनन से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है बुंदेलखंड के बांदा जिले में अवैध खनन परिवहन करने वाले माफियाओं की नकेल कसने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है। जिससे बालू माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।

 

नदियों के चीरहरण से गर्मी में पानी का संकट मंडरा रहा है लेकिन मोटी रकम की चाह में अंधे हो चुके खनन कारोबारी जमकर अवैध खनन करने में जुटे हुए हैं।

 

अवैध खनन से नदियों में बड़े बड़े कालनेमी गड्ढे हो गए हैं जिनमें आए दिन लोगों की डूबकर मौतें हो रही है पर इस तरफ कोई जिम्मेदार ध्यान देने को तैयार नहीं है ।

 

 

केन नदी में संचालित सिलपाही खदान में खदान के पट्टा धारक के असलहा धारी गुर्गों की सरपरस्ती में दिनरात नदी की मुख्य जलधारा में भारी भरकम पोकलैंड मशीनों से लाल सोने की लूट को अंजाम दिया जा रहा है।

 

सिलपाही खदान से रोजाना सैकड़ों बालू भरे ट्रक अन्य जिलों के लिए रवाना किये जा रहे हैं । खनन माफिया का विरोध करने की किसी में हिम्मत ही नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि जब खदान की मनमानी का विरोध किया जाता है तो खदान संचालक के गुर्गे उन्हें बंदूक की नोक पर धमकाकर शांत करा देते हैं। अब देखना है कि सिलपाही खदान में मनमानी का दौर कब तक चलता रहेगा ।

Leave A Reply

Your email address will not be published.