6 महीने और नहीं मिलेगा अनचाहे कॉल्स/मैसेज से छुटकारा

 

 

अनचाहे कॉल और मैसेज से छुटकारा पाने के लिए आपका इंतजार लंबा हो सकता है। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने व्यावसायिक कॉल या मैसेज भेजने वाली संस्थाओं और मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर्स को अनचाहे कॉल/मैसेज की पहचान और इन्हें ब्लॉक करने के लिए जरूरी डिजिटल प्लेटफार्म तैयार करने के लिए 30 नवंबर तक का समय दिया है।

पहले कहा गया था कि 1 मई के बाद अनचाहे कॉल/मैसेज बंद हो जाएंगे। हालांकि, ट्राई ने व्यावसायिक और सरकारी संस्थाओं को ग्राहकों की सहमति से कॉल/मैसेज भेजने की छूट दी है, लेकिन वे यह तभी कर सकती हैं जब ग्राहक राजी हों।

30 सितंबर तक कस्टमर से लेनी होगी परमिशन
इसके लिए उन्हें ग्राहक से सहमति लेनी होगी। बैंक, बीमा, वित्त और व्यापारिक संस्थाएं ग्राहकों से सहमति लेने का काम 30 सितंबर तक पूरा कर लेंगी। शेष संस्थाओं को इसके लिए 30 नवंबर तक का समय दिया गया है।

जानकारों का कहना है कि छह माह केवल प्लेटफार्म तैयार करने के लिए ही मांगे गए हैं। कॉल से छुटकारा कब तक मिलेगा, कह नहीं सकते। क्योंकि सबसे ज्यादा कॉल अपंजीकृत लोग ही करते हैं। उन्हें ब्लॉक करने का काम ग्राहक से शिकायत मिलने के बाद ही होगा।

ट्राई ने मैसेज भेजने वाली संस्थाओं से कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि वे वही मैसेज भेजें, जो ग्राहक चाहता है। दूसरी तरफ, टेलीकॉम ऑपरेटर्स से कहा गया है कि जो मैसेज ग्राहक तक भेजे जाएं, उनमें संदेश हो कि वे अवांछित मैसेज कैसे रोक सकते हैं।

यूं चरणबद्ध तैयार होगा सेटअप

  • 31 जुलाई 2023 तक टेलीकॉम कंपनियां डिजिटल सहमति के लिए जरूरी प्लेटफार्म तैयार करेंगी।
  • 1 अगस्त से कॉल/ मैसेज के लिए डिजिटल सहमति लेने की प्रक्रिया शुरू करेंगी।
  • 31 अगस्त तक सहमति देने वालों के कॉल बैक नंबर की सूची बनेगी।
  • 1 सितंबर से व्यावसायिक संस्थाएं ग्राहकों से सहमति लेने लगेंगी।
  • 30 सितंबर बैंक, बीमा, वित्त और व्यापारिक संस्थाएं प्लेटफार्म तैयार कर लेंगी।
  • 30 नवंबर तक दूसरी सभी संस्थाएं प्लेटफार्म तैयार कर लेंगी।

कंपनियों को यह करना होगा

  • ग्राहक जब चाहे कॉल/मैसेज के लिए सहमति रद्द कर सकता है। यह सुविधा 24X7 मिले।
  • कंपनियां सुनिश्चित करेंगी कि जिन यूजर्स ने सहमति नहीं दी है, उन्हें कोई कॉल/मैसेज न जाएं।
  • कॉल/मैसेज का व्यावसायिक प्रयोग करने वाली संस्थाओं को शिकायत का फॉर्मेट बताना होगा।
  • ग्राहकों का डेटा इस्तेमाल करने वाली संस्थाओं को ग्राहक का सहमति पत्र रिकॉर्ड में रखना होगा।
  • सहमति लेने से पहले संस्थाओं को भेजे जाने वाले कंटेंट की जानकारी देनी होगी।
  • ग्राहक को पंजीकृत नंबर से OTP भेजा जाएगा। OTP डालकर जब ग्राहक मंजूरी देगा, उसके बाद ही कॉल/एसएमएस भेजे जाएंगे।
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