दो दिवसीय डॉ राजेंद्र प्रसाद पांडेय स्मृति समारोह का आयोजन 25 व 26 को होगा 

रोहित सेठ

 

 

 

 

 

वाराणसी में हिन्दी और संस्कृत साहित्य को और अधिक समृद्धि प्रदान करने के लिए कार्यरत नांदी सेवा न्यास द्वारा गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी दो दिवसीय डॉ राजेंद्र प्रसाद पांडेय स्मृति समारोह का आयोजन स्थानीय रथ यात्रा स्थित कन्हैया तात मोती वाला स्मृति भवन में 25 और 26 जून 2023 को किया जा रहा है। समारोह की विस्तृत रूपरेखा और इसके उद्देश्यों को साझा करते हुए न्यास की अध्यक्ष प्रो. माशि कला पांडेय ने स्थानीय पराड़कर स्मृति भवन में आज पत्रकारों को बताया कि दो दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में देश के अन्य भागों और काशी के 200 से भी

अधिक साहित्यकार हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद पांडेय ने आजीवन हिंदी और संस्कृत साहित्य के विकास के लिए अपने को समर्पित किया था। उनकी जयंती के अवसर पर प्रति वर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। कार्यक्रम में हिंदी और

संस्कृत साहित्य के संवर्धन और समृद्धि के विषय पर विद्वानों द्वारा विस्तार से चर्चा की जायेगी। प्रो शशिकला ने बताया कि समारोह के पहले दिन उद्घाटन सत्र में डॉ राजेंद्र प्रसाद पांडेय द्वारा रचित पुस्तक प्रीति न करियो कोय तथा भाषा चिंतन के आयाम का विमोचन किया जाएगा। इस सत्र में श्री दयानिधि मिश्र की अध्यक्षता में प्रमुख रूप से साहित्यकार श्री जितेन्द्र नाथ मिश्र, अरुणेश नीरन और नव गीतकार ओम धीरज के व्याख्यान होंगे। संचालन साहित्यकार श्री प्रकाश उदय करेंगे और श्री कीर्ति रत्न धन्यवाद ज्ञापित करेंगे।

उन्होंने कहा कि उद्घाटन के बाद प्रथम सत्र की अध्यक्षता श्री अनंत मिश्र करेंगे और श्री अरुण कमल मुख्य अतिथि होंगे। इनके साथ विशिष्ट अतिथि के तौर पर श्री चितरंजन मिश्र होंगे। इस सत्र में प्रसिद्ध कवि श्री हरि राम द्विवेदी जी की कविताओं का पाठ होगा तथा श्रीमती शुभदा पांडेय, आशा ठाकुर, सुमन जैन, भारती गोरे, राकेश शर्मा, नरेंद्र पुण्डरीक, डॉ अत्रि भारद्वाज, श्री आनंद वर्धन के सारगर्भित विचार सुनने को मिलेंगे। दूसरे सत्र में डॉ राजेंद्र प्रसाद पांडेय के कथेतर गद्य विषय पर चर्चा आयोजित की गई है जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर श्री दामोदर खड़से और अध्यक्ष के तौर पर राधा वल्लभ त्रिपाठी तथा विशिष्ट अतिथि श्री दिलीप सिंह होंगे। इस सत्र में अलग अलग विषयों में कालीदास का फलितार्थ पर श्री सदा शिव द्विवेदी, रचना और आज की चुनौतियों पर श्रीमती शशिकला त्रिपाठी, साहित्य का आभा मंडल पर प्रेम जनमेजय, हिन्दी कहानी संवेदना और शिल्प पर श्री राधे श्याम दूबे, नदिया नाव संजोग पर श्री शिव नारायण, प्रीति न करियो कोय पर श्री अरुण आदित्य, भाषा चिन्तन के आयाम पर श्री प्रदीप ठाकुर अपने विचार व्यक्त करेंगे। इस सत्र का संचालन श्री विवेक पांडेय करेंगे। पहले दिन के अंतिम सत्र में वल्लभ विद्यापीठ की छात्राओं द्वारा नृत्य नाट्य गायन प्रस्तुत किया जायेगा। कथक नृत्य गरिमा पांडेय प्रस्तुत करेंगी और सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन शुभा श्रीवास्तव करेंगी।

नांदी सेवा न्यास की अध्यक्ष ने बताया कि दूसरे और अंतिम दिन का तीसरा सत्र हिन्दी उपन्यासों के गाँव पर विस्तार से विचार विमर्श के लिए रखा गया है। इसमें मुख्य अतिथि श्री गोरहरि दास, अध्यक्ष प्रो विजय बहादुर सिंह, मुख्य वक्ता प्रो अवधेश प्रधान और विशिष्ट अतिथि संजय अलग होंगे। इस सत्र में प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ नीरजा माधव, डॉ प्रभात मिश्र, प्रो प्रभाकर सिंह, श्री रवि नंदन सिंह, डॉ मुक्ता, डॉ अदीब, प्रो बलि राज पांडेय अपने विचार व्यक्त करेंगे। संचालन सुश्री संगीता श्रीवास्तव करेंगी। उन्होंने कहा कि सम्मान एवं पुरस्कार के लिए समर्पित चौथे और अंतिम सत्र में दो साहित्यकारों को सम्मानित और चार युवा साहित्यकारों को पुरस्कृत किया जायेगा। इस सत्र में सुश्री अंजू रंजन विशिष्ट अतिथि रहेंगी तथा प्री सदानंद साही, श्री रंग नाथ मिश्र अपने विचार व्यक्त करेंगे। इसके साथ श्री वाई लक्ष्मी प्रसाद, श्री बलराम, श्री अनुज लगन, सुश्री स्वाती शर्मा, सुश्री विशाखा मुलमुले और श्री लहरी राम मीणा का काव्य पाठ होगा। इस सत्र का संचालन प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो राम सुधार सिंह करेंगे और डॉ राजकुमार उपाध्याय ‘मणि’ आभार व्यक्त करेंगे।

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