रोहित सेठ
वाराणसी। आयुक्त सभागार स्थित ऑडिटोरियम में जिला स्तरीय जेम कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें बताया गया कि किस प्रकार जेम पर हर प्रकार के उत्पाद एवं सेवाओं की खरीद की ऑनलाइन व्यवस्था है जिससे की आसान खरीदारी, पारदर्शी प्रक्रिया और कुशल प्रबंधन व निगरानी को बढ़ावा दिया जा रहा है। जेम पोर्टल की शुरुआत 2016 में भारत सरकार द्वारा की गयी थी जिसको की वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सभी विभागों की खरीद प्रक्रिया के लिए अनिवार्य किया गया है। कार्यशाला के दौरान संवाद के माध्यम से सभी के प्रश्नों के उत्तर दिये गये तथा बताया गया कि वर्तमान में जेम पोर्टल पर 30 लाख से ज्यादे उत्पाद/सेवाएं, 1 करोड़ से ज्यादे ऑर्डर मात्रा, 53 लाख से ज्यादे विक्रेता/सेवा प्रदाता, 32 लाख करोड़ से ज्यादे लेनदेन मूल्य तथा 63 हजार खरीदार संगठन के उपलब्ध हैं। बिजनेस फैसिलिटेटर राहुल सिंह द्वारा कार्यशाला के दौरान जेम पोर्टल के बारे में विस्तृत जानकारी सभी के समक्ष रखी गयी। उपायुक्त उद्योग मोहन कुमार शर्मा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे।
*जेम*- प्रौद्योगिकी के माध्यम से सार्वजनिक खरीद प्रणाली का कायाकल्प प्रौद्योगिकी संचालित बी2बी ब्रिज, गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (GeM) ‘राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल’ है जो सभी सरकारी इकाइयों को उनकी सामान्य वस्तुओं और सेवाओं की खरीद संबंधी आवश्यकताओं को भारत भर में फैले विक्रेताओं से पूरा करने में सक्षम बनाता है। जेम के खरीदारों में सरकारी विभाग, मंत्रालय और उनकी इकाइयां, स्वायत्त निकाय और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम शामिल है। जेम के रूप में जो नई व्यवस्था विकसित हुई है वह आज भारत के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। DGS&D के माध्यम से दशकों पुरानी खरीद प्रणाली को त्यागकर आधुनिक और मजबूत तंत्र विकसित करने की सोच के साथ जेम की स्थापना की गई। जेम ने प्रौद्योगिकी के सहारे सार्वजनिक क्षेत्र में खरीदारी के तौर तरीकों में एक आमूलचूल परिवर्तन लाया है। इसके माध्यम से संपर्कविहीन, पेपरलेस और कॅशलेस खरीदारी वर्तमान समय में संभव हो पाई है। सामान्य वित्तीय नियम, 2017 में एक नये नियम 149 को जोड़कर, वित्त मंत्रालय ने सरकारी उपयोगकर्ताओं के लिए जेम के माध्यम से खरीद करना अनिवार्य कर दिया है।