सिंचाई विभाग गेस्ट हाउस में बीजेपी जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत की अध्यक्षता में जिला संगोष्ठी’ का आयोजन किया गया 

 

ब्यूरो संजीव शर्मा

 

न्यूज़ वाणी इटावा भाजपा पूरे देश में युवा पीढ़ी को संदेश देने के लिए प्रत्येक जनपद में कांग्रेस द्वारा राजनैतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल की 48वीं बरसी को विरोध स्वरूप ‘काला दिवस’ के रूप में मना रही है।
इसी के अंतर्गत आज सिंचाई विभाग गेस्ट हाउस में बीजेपी जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत की अध्यक्षता में एवं कार्यक्रम संयोजक जिला मंत्री राहुल राजपूत के संयोजन में ‘जिला संगोष्ठी’ का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संगठनात्मक जनपद प्रभारी एवं फर्रुखाबाद के पूर्व जिलाध्यक्ष सत्यपाल सिंह एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में सदर विधायक सरिता भदौरिया उपस्थित रहीं ।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए संगठनात्मक जनपद प्रभारी सत्यपाल सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि का देश में आपातकाल घोषित किया था। तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की अनुच्छेद 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा की थी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था। आपातकाल के बहाने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश के नागरिकों के अधिकारों का हनन किया था। न्यायपालिका में हार को इंदिरा पचा नहीं सकीं थी और देश में मात्र रेडियो पर संदेश प्रसारण के जरिये ही आपातकाल लागू कर दिया गया था। लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया था।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सदर विधायक सरिता भदौरिया ने कहा कि आज से 48 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एक ऐसा फैसला किया, जिसने लोकतंत्र की नींव को हिलाकर रख दिया था। उन्होंने संविधान की धारा 352 के तहत देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी। लोगों के मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए। सभी प्रमुख विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। बिना सरकार की अनुमति के खबर छापने पर रोक लगा दी गई थी।
आपातकाल के समय जनसंघ के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को खोज-खोज कर उन्हे जेल में डाला गया। उनके साथ बर्बरता पूर्ण व्यवहार किया गया। उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने पद और राजनैतिक महत्वाकांक्षा के लिए आपातकाल लगाया था।
अपने समापन उद्बोधन में संगोष्ठी को संबोधित करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत ने कहा कि आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास के लिए किसी काले पन्‍ने से कम नहीं है। इस दिन को यादकर हर भारतीय का सर शर्म से झुक जाता है। आपातकाल के ऐलान के साथ ही नागरिकों के मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए थे। अभिव्यक्ति का अधिकार ही नहीं, लोगों के पास जीवन का अधिकार भी नहीं रह गया था। 25 जून की रात से ही देश में विपक्ष के नेताओं की गिरफ्तारियों का दौर शुरू हो गया था। जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, जॉर्ज फर्नाडीस सरीखे बड़े नेताओं को जेल में ठूंस दिया गया था।
संगोष्ठी का कुशल संचालन जिला मंत्री राहुल राजपूत ने किया । संगोष्ठी में प्रमुख रूप से निवर्तमान जिलाध्यक्ष अजय धाकरे, पूर्व प्रत्याशी सिद्धार्थ शंकर दोहरे, जिला महामंत्री अन्नू गुप्ता, प्रशांत राव चौबे, विकास भदौरिया, जिला उपाध्यक्ष देवप्रताप भदौरिया, जिला मंत्री डॉ ज्योति वर्मा, जितेंद्र गौड़, चक्रेश जैन, कोषाध्यक्ष संजीव भदौरिया, जिला मीडिया प्रभारी रोहित शाक्य, मुकेश यादव, चकरनगर ब्लॉक प्रमुख राकेश , महिला मोर्चा अध्यक्ष विरला शाक्य, ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष मुनेश बघेल, राज्यवर्धन भदौरिया रवि प्रकाश धनगर शिवम राजपूत सहित बीजेपी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहें ।

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