वाराणसी के राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ के अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश जिलाधिकारी ने दिया है। इस मामले को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा। इसमें प्रियंका ने कहा कि सर्व सेवा संघ परिसर को भाजपा सरकार द्वारा खाली करने और ढहाने की कार्यवाही शुरू करना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की विरासत पर हमला है।
आचार्य विनोबा भावे, डॉ राजेंद्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री एवं बाबू जगजीवन राम के प्रयासों से वाराणसी में सर्व सेवा संघ की स्थापना हुई थी। इसका मकसद राष्ट्रपिता के विचारों का प्रचार-प्रसार करना था। इन्हीं महापुरुषों के नेतृत्व में यह जमीन भी खरीदी गई थी। यह भवन गांधी स्मारक निधि एवं जयप्रकाश नारायण द्वारा किए गये दान-संग्रह से बनवाया गया था।
प्रियंका ने कहा कि आज भाजपाई प्रशासन द्वारा इसे अवैध बताकर कार्यवाही शुरू करना महात्मा गांधी के विचारों और उनकी विरासत पर एक और हमला करने की कोशिश है।
हम इस अत्यंत शर्मनाक कार्यवाही की घोर निंदा करते हैं और संकल्प लेते हैं कि महात्मा गांधी की विरासत पर हो रहे हर हमले के खिलाफ डटकर खड़े रहेंगे। हमारे देश के महानायकों और राष्ट्रीय विरासत पर भाजपाई हमले को देश की जनता कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।
कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि गांधी को न सही कम से कम जयप्रकाश नारायण की विरासत को तो बख्श देते। बयान जारी करते हुए उन्होंने भाजपा को आड़े हाथ लिया और कहा कि यह सरकार गांधी-जयप्रकाश की विरासत की संस्थाओं पर बुलडोजर चलवाने से बाज आए, क्योंकि इस पाप के लिए इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।
इस विरासत का ध्वस्तीकरण रोकने के लिए महात्मा के पौत्र राजमोहन गांधी ने भी प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील की है। सरकार से हमारा भी निवेदन है कि लंबे समय से स्थापित उस संस्थान पर बुलडोजर चलाने के फैसले पर पुनर्विचार करें।
सर्व सेवा संघ और उत्तर रेलवे के बीच जमीन के मालिकाना हक पर चल रहे विवाद में जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने सुनवाई के बाद रेलवे के हक में फैसला दिया है। सर्व सेवा संघ का निर्माण अवैध करार दिया गया है और जमीन को उत्तर रेलवे की संपत्ति मानी गई है। सर्व सेवा संघ और उत्तर रेलवे के बीच जमीन के मालिकाना हक पर चल रहे विवाद में जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने मंगलवार को सुनवाई की। फैसला रेलवे के हक में दिया। जमीन को उत्तर रेलवे की संपत्ति मानी गई। सर्व सेवा संघ के अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए उत्तर रेलवे प्रशासन ने 30 जून 2023 की तिथि नियत कर दी गई है। जमीन के मालिकाना हक पर चल रहे विवाद में उच्च न्यायालय के आदेश पर जिलाधिकारी वाराणसी ने इस मामले की सुनवाई की।