सरकार को उत्पादक केंद्रों से आपूर्ति बढ़ने के साथ टमाटर की कीमतें अगले 15 दिनों में कम होने और एक महीने में सामान्य स्तर पर आ जाने की उम्मीद है. हर घर में इस्तेमाल होने वाली इस प्रमुख सब्जी की कई प्रमुख शहरों में कीमत 100 रुपये प्रति किलोग्राम से भी अधिक हो गई है. उपभोक्ता मामलों के विभाग में सचिव रोहित कुमार सिंह ने शुक्रवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि हिमाचल प्रदेश के सोलन और सिरमौर जिलों से बेहतर आपूर्ति होने पर राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर की खुदरा कीमतें तुरंत कम हो जाएंगी.
उन्होंने कहा, ‘‘टमाटर की कीमत में वृद्धि की घटना हर साल इसी समय होती है. हर देश में प्रत्येक कृषि वस्तु मूल्य चक्र में एक मौसमी स्थिति से गुजरती है. जून में इसकी कीमतें उच्च स्तर पर पहुंच गईं हैं.” उन्होंने कहा कि टमाटर एक जल्द खराब होने वाला उत्पाद है और मौसम एवं अन्य कारणों से टमाटर की आपूर्ति भी बाधित हुई है. सचिव ने आगे कहा, ‘‘आप टमाटर को लंबे समय तक नहीं रख सकते हैं और इसे लंबी दूरी तक पहुंचाया भी नहीं जा सकता है. इस खाद्य वस्तु में यह एक कमजोरी है.”
उन्होंने कहा कि जून-अगस्त और अक्टूबर-नवंबर के दौरान टमाटर का उत्पादन कम हो जाता है और इस अवधि में कीमतों में आम तौर पर तेज वृद्धि देखी जाती है. उन्होंने कहा कि 29 जून को टमाटर की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत 49 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि एक साल पहले इसी दिन यह 51.50 रुपये प्रति किलोग्राम थी. हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस दर को उचित नहीं ठहरा रहा हूं. यह मौसमी समस्या को साबित करता है.” इसे एक जटिल समस्या बताते हुए सचिव ने कहा कि सरकार इस पर गौर कर रही है और पूरे वर्ष इसकी आपूर्ति सुव्यवस्थित करने के लिए समाधान ढूंढ रही है.