मां की लाश के पास रातभर बिलखती रही दुधमुंही बच्ची, पति के मर्डर के 88 दिन बाद महिला ने दी जान,और एक सुसाइड नोट छोड़ा
मध्य प्रदेश: ‘मेरी मौत की जिम्मेदार मैं खुद हूं, मैं अपने लखन के बिना जी नहीं सकती।’ यह दो लाइन का सुसाइड नोट उस महिला का है] जिसके पति की हत्या उसके ही भाइयों ने ठीक 88 दिन पहले कर दी थी। महिला ने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जान दे दी। उसकी दो महीने की बेटी लाश के पास रातभर बिलखती रही। घटना की खबर तब लगी जब रविवार सुबह महिला नीतू कुंवर (26) की सास और ननद गांव से लौटीं। उन्होंने दरवाजा खोला तो देखा बहू बिस्तर पर पड़ी है। बच्ची लगातार रोए जा रही थी। ननद ने सबसे पहले बच्ची को उठाया। सास ने बहू को नब्ज टटोली तो उसकी मौत हो चुकी थी।
राजगढ़ के धानोदा की रहने वाली नीतू कुंवर ने लव मैरिज की थी। शादी के 9 महीने बाद उसके भाइयों ने उसका सुहाग उजाड़ दिया था। पति की मौत से व्यथित नीतू अक्सर जान देने की बात करती थी, लेकिन 8 महीने की गर्भवती होने के कारण वह ऐसा कर नहीं सकी। इस बीच उसने 7 मई को बेटी को जन्म दिया। तब परिजन को लगा कि धीरे-धीरे पति की मौत के गम को भुला देंगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। 1 जुलाई को जब वह अकेली थी, तब उसने जहरीला पदार्थ खा लिया।
इस दौरान परिजन से जानकारी जुटाई तो सामने आया कि यह वही महिला है, जिसके पति को 3 महीने पहले उसके ही भाइयों ने घेरकर गोली मार दी थी। फिर गले में सब्बल घुसा दिया था। वारदात के बाद से महिला का नाबालिग भाई, चचेरा भाई और चाचा जेल में है।
नीतू की ननद सपना कुंवर ने बताया कि 5 अप्रैल को मेरे भाई की हत्या कर दी गई थी, तब भाभी की डिलीवरी होने वाली थी। आठवां महीना चल रहा था। भाई की मौत के बाद मेरी भाभी ने कहा कि यहां हम सबको मेरे भाइयों से खतरा है। ऐसे में हमें कहीं और रहना चाहिए, लेकिन यहां धानोदा गांव में खेती-बाड़ी है। इसी से हमारा गुजारा चलता है। इसलिए हमने तय किया कि हम भाभी के साथ माचलपुर चले जाएंगे। यह सोच ही रहे थे कि इस बीच 7 मई को भाभी ने बेटी को जन्म दिया। मई का महीना हमने गांव में ही बिताया।
फिर भाभी के कहने पर 1 जुलाई को हम माचलपुर के जमींदार मोहल्ले में रहने आ गए। हालांकि, मेरे पिता वहीं गांव में रहकर खेती संभालते हैं। वे यहां भी आते-जाते रहते थे। मेरे भाई की हत्या के बाद लोग इतने डर गए कि वे हमारे यहां काम नहीं करते थे। कुछ लोग बमुश्किल डबल पैसा लेकर थोड़ा बहुत काम करते हैं। मेरे पिता ही जैसे-तैसे ट्रैक्टर चलाकर खेती का काम कर रहे हैं। शनिवार को सुबह पिता का फोन आया कि बेटी अपनी मां को लेकर यहां आ जाओ। हम तीनों मिलकर खाद फेंक लेंगे।
हम भाभी को माचलपुर में छोड़कर धानोदा गांव के लिए निकल गए। जब गांव पहुंचे तब भाभी ने करीब डेढ़ बजे मां से फोन पर बात की। कहा कि मैं दूध गरम कर रही हूं, यहां बहुत बारिश हो रही है। पानी घर में भर रहा है। इस पर मां ने कहा कि चिंता मत करो, हम शाम तक आ जाएंगे। तुम दूध गरम कर लेना। चूंकि, उस दिन ज्यादा बारिश हो रही थी इसलिए हम नहीं लौट पाए। शाम को मैंने बात करने की कोशिश की। नेटवर्क नहीं होने के कारण भाभी से संपर्क नहीं हो पाया। भाभी का भी कॉल नहीं आया। हमें लगा कि बच्ची को संभालने में व्यस्त रही होगी।
रविवार सुबह हम 8.30 बजे यहां आ गए। जब गेट खोलकर देखा तो भाभी के कपड़े अस्त-व्यस्त थे। वह बिस्तर पर पड़ी थी। बेटी वंशिका रो रही थी। बाद में मोहल्ले वाले कह रहे थे कि बच्ची की रात में भी रोने की आवाजें आती रही। हमें शक है कि यह सब उनके भाइयों ने ही किया है। उनके 2 भाई लखन सिंह और लल्लू गांव में ही रह रहे हैं। उनकी मम्मी और परिवार में एक अन्य रामसिंह भी यहां रह रहे हैं। वहीं भाई की हत्या के बाद उनके 3 भाई जेल में हैं। भाई और भाभी की मौत के बाद मुझे, मेरे माता-पिता को भी जान का खतरा है। भाई की हत्या के मामले में 5 जुलाई को पेशी है। जिस पर मैं, भाभी और माता-पिता जाने वाले
नीतू की सास श्यामा कुंवर ने बताया कि वह रोती रहती थी। कहती थी- आप लोग भी मेरे साथ नहीं रहो। यहां जंगल है, पता नहीं कब मेरे परिवार वाले आपको भी मार डालेंगे। मैंने कहा कि मारे तो मर जाएंगे। तुझे ऐसे नहीं छोड़ेंगे। तुम ऐसी बात मत किया करो। फिर हमने तय किया कि माचलपुर में रहते हैं। वहां पुलिस थाना भी है। आसपास लोग भी रहेंगे तो थोड़ा सुरक्षित होंगे। हम यहां रहने आ गए। कल मेरे पति ने फोन किया तो मैं बेटी के साथ धानोदा गांव चली गई। रविवार को सुबह लौटे तो देखा बहू का शव पड़ा था।
इधर, नीतू की मां भागू कुंवर भी रविवार को माचलपुर थाने पहुंची। यहां उन्होंने थाना प्रभारी को एक आवेदन दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि मेरी बेटी नीतू कुंवर ने गांव के लखन सिंह से शादी कर ली थी। इस कारण हमारी बोलचाल बंद थी। अभी मेरी बेटी अपनी सास और ननद के साथ माचलपुर में किराए के मकान में रह रही थी। नीतू अपने पति की मौत के बाद अपने हक की जमीन सास और ननद से मांग रही थी। इनके बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो गई थी। आज मेरी बेटी की मौत जहर खाने से हुई। हमें आशंका है कि नीतू को उसकी सास श्यामा कुंवर और ननद सपना कुंवर ने मारा है।