नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू करने की घोषणा की, जिसमें सभी पंजीकृत राजनीतिक दलों को अपना वित्तीय लेखा-जोखा दाखिल करना होगा। पार्टियों को इसमें खुद को मिले चंदे, चुनावी खर्च के साथ वार्षिक ऑडिट एकाउंट ब्योरा उपलब्ध कराना होगा। इस कदम को और ज्यादा चुनावी पारदर्शिता सुनिश्चित करने की कवायद का हिस्सा माना जा रहा है
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की अगुआई में आयोग पिछले एक साल से राजनीतिक दलों की फंडिंग और चुनावी खर्च में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए 3-सी पर काम कर रहा था। इन तीन सी में क्लीनअप (साफ-सुथरी व्यवस्था), क्रैकडाउन (कार्रवाई) और अनुपालन शामिल है। एकीकृत चुनाव खर्च निगरानी प्रणाली इसी 3-सी का हिस्सा है।
आयोग के मुताबिक, जो राजनीतिक दल ऑनलाइन मोड में वित्तीय रिपोर्ट दाखिल नहीं करना चाहते, उन्हें लिखित रूप में इसकी वजह बतानी होगी। साथ ही वे निर्धारित प्रारूप में सीडी या पेन ड्राइव के साथ हार्ड कॉपी प्रारूप में रिपोर्ट दाखिल करना जारी रख सकते हैं। चुनाव आयोग ने बयान में बताया है कि आयोग वित्तीय विवरण ऑनलाइन दाखिल न करने के लिए पार्टी के भेजे गए औचित्य पत्र के साथ, ऐसी सभी रिपोर्ट ऑनलाइन प्रकाशित करेगा।