मणिपुर के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ कार्रवाई की उठी मांग – अल्पसंख्यक कांग्रेस ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भेजा ज्ञापन
फतेहपुर। मणिपुर के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमवी मुरलीधन द्वारा संवैधानिक पीठ के फैसले के विरूद्ध जाकर दिये गये निर्देश के बाद भड़की हिंसा के विरोध में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के निर्देशन में स्थानीय पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को एक ज्ञापन भेजकर मणिपुर के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
अल्पसंख्यक कांग्रेस के जिला चेयरमैन अब्दुल हफीज की अगुवाई में पदाधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भेजे गये ज्ञापन में बताया कि 19 अप्रैल को मणिपुर के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमवी मुरलीधन ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह मैतेयी समुदाय को एसटी वर्ग में शामिल करने की मांग को संज्ञान में रखते हुए केंद्र सरकार को सुझाव भेजे। इस निर्देश के बाद भड़की हिंसा में करीब सौ लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं और देश की अखंडता के समक्ष खतरे का माहौल व्याप्त हो गया है जबकि यह सर्व विदित है कि एससअी व एसटी श्रेणीकरण का अधिकार राष्ट्रपति को है हाईकोर्ट को नहीं है। मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने भी एमवी मुरलीधरन के फैसले को तथ्यात्मक तौर पर पूरी तरह गलत बताते हुए यह टिप्पणी की है कि जब हाईकोर्ट के जज कांस्टिट्यूशन बेंच के फैसलों को नहीं मानेंगे तो हमें पता है हमें क्या करना है। मांग किया कि एमवी मुरलीधरन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करे ताकि मणिपुर के लोगों में यह भरोसा कायम हो सके कि उनके संवैधानिक अधिकार सुरक्षित रहेंगे। इससे वहां स्थायी शांति का वातावरण निर्मित होने में भी मदद मिलेगी। इस मौके पर वाइस चेयरमैन मिस्बाहुल हक, निहाल अहमद, नफीस खां, सलमान, नावेद आलम, चन्द्र प्रकाश लोधी, आशीष गौड़, शोएब कुरैशी, हाफ़िज़ हलीम अंसारी, महफूज अली, संदीप साहू, शकीला बानो, शावेज़ अंसारी आदि उपस्थित रहे।