अब जीपीएस सिस्टम से गांव की संवरेगी मिट्टी की सेहत – संबंधित विभाग जांच कर पोषक तत्वों की करेंगे पूर्ति

खागा/फतेहपुर। ज्यादा फसल उत्पादन तथा मृर्दा स्वास्थ्य के लिए संतुलित पौध में पोषण बेहद जरूरी है इसलिए अब 36 गांव के खेतों से नदारद पोषक तत्वों की जानकारी के लिए जीपीएस के जरिए मिट्टी के नमूने लेकर जांच कराने का अभियान चलाया जाएगा। पोषक तत्वों की पूर्ति हेतु किसानों को जागरूक किया जाएगा। कृषि निदेशालय ने खागा तहसील क्षेत्र में 36 सौ किसानों की खेती की मिट्टी की जांच का लक्ष्य दिया है। 36 गांवों का चयन कर प्रत्येक गांव से 100 नमूने लेकर जांच कराई जाएगी। इनमें खरीफ सीजन में कुछ नमूनों की जांच होगी। बाकी नमूनों को लेकर जांच कराने का काम रबी सीजन में चलेगा। अब मिट्टी के नमूने लेने में फर्जीवाड़ा नहीं चलेगा। कृषि कर्मी सोयल हेल्थ कार्ड ऐप को किसान के खेत में ऑन करते ही जीपीएस सिस्टम से लोकेशन दर्ज होगी। यानी कि मिट्टी कहीं की और किसान कहीं और का अब यह नहीं चलेगा। एप पर किसान का आधार नंबर अपलोड करेंगे। कृषि उप संभागीय अधिकारी ने रंजीत कुमार चैरसिया ने बताया कि मिट्टी के नमूने लेने का काम शुरू हो गया है जांच से अब पोषक तत्वों का पता चलेगा।
इनसेट-
इन गांवों का हुआ चयन
अल्लीपुर, धनकामई, तौरा, सोहदमऊ, कोडारवर, सेमौरी, करमेपुर, सुल्तानपुर घोष, खरगूपुर बरगला, खखरेरू, दरियामऊ, रक्षपालपुर, सैदपुर भुरुही, चचीडा, हरदासपुर सराफा, तक्कीपुर, गुरगौला, कूरा, अलादादपुर, मवइया, रजीपुर छिवलहा, सियाडी, कोतला, दुदौली जलालपुर, निजामुद्दीनपुर, सुलेमाबाद, सिठौरा, पौली, खैरई, बसवा, गुरसंडी, पाई, रूहेल्लापुर, उकाथू, हरदासपुर गेरिया आलमपुर गेरिया आदि।
वर्जन-
चयनित गांव से मिट्टी के नमूनों की जांच कराने के साथ किसानों को रासायनिक उर्वरक व कीटनाशक का प्रयोग कम करने को प्रेरित करेंगे। जैविक उर्वरकों को बढ़ावा देंगे जिससे मिट्टी की सेहत सुधरे- रंजीत कुमार चैरसिया, उप संभागीय कृषि अधिकारी फतेहपुर।

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