तालीम की आड़ में युवाओं को दी जा रही आतंकी ट्रेनिंग, ऑनलाइन बम बनाने से लेकर हथियार चलाना सिखाया जा रहा
यूपी में जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन, अलकायदा, ISIS और ISI के स्लीपिंग माड्यूल एक्टिव हैं। ये संगठन तालीम की आड़ में कट्टरपंथ, धर्मांतरण और आतंकी गतिविधियों की ऑनलाइन ट्रेनिंग दे रहे हैं। पिछले दिनों पकड़े गए 4 संदिग्ध आतंकियों की ऑनलाइन ट्रेनिंग में देश विरोधी गतिविधियों का पता चला।
बम बनाने और हथियार चलाने की ट्रेनिंग इन लोगों ने वीडियो देखकर ली। ये ट्रेनिंग देने वालों के संपर्क में कैसे आए और इन्हें फंडिंग कौन कर रहा है, यह पता लगाने में सुरक्षा एजेंसियां जुटी हैं।
दरअसल, इन पकड़े गए लोगों से पूछताछ में वही खुलासे हुए, जो अगस्त, 2022 में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े 3 आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बाद हुए थे। ये लोग यूपी में ऑनलाइन आतंकी तैयार करने के साथ आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए लोन वुल्फ अटैक की तैयारी कराते हैं।
अगस्त, 2022 में गोरखपुर से गिरफ्तार आतंकी मुर्तजा और सहारनपुर से गिरफ्तार नदीम, और आजमगढ़ से गिरफ्तार सबाउद्दीन आजमी इसी तरह का हमला करने की ट्रेनिंग ले चुके थे।
एटीएस सूत्रों के मुताबिक, आतंकी गतिविधियों में पिछले एक सप्ताह में चार लोग सद्दाम, रिजवान, तारिक और मुनीर को पकड़ा गया है। ये लोग ऑनलाइन ट्रेनिंग लेने के बाद केरल में ट्रेनिंग लेने जाते हैं। जहां पर इनको हथियार चलाने से लेकर बम बनाने तक की ट्रेनिंग दी जाती है।
इनके पहले पकड़े गए PFI एजेंट परवेज अहमद और रईस अहमद ने इस बात का खुलासा किया था। इन लोगों ने खुद हथियारों की ट्रेनिंग लेने के साथ प्रदेश के कई लोगों को इकट्ठा कर केरल भेजकर संगठन से जुड़ी ट्रेनिंग दिलवाई थी।
एटीएस सूत्रों के मुताबिक, यूपी में अब आतंकी संगठन लगभग एक पैटर्न पर काम कर रहे हैं। उसके लिए सभी अपने स्लीपिंग माड्यूल्स को ऑनलाइन आतंकी ट्रेनिंग देने से लेकर नए लोगों को जोड़ने में जुटे हैं। ये लोग तकरीर करके लोगों को धर्म के नाम पर जोड़ रहे हैं। इसके बाद ऑनलाइन लोन वुल्फ अटैक से लेकर बम तक बनाने की ट्रेनिंग दिलवा रहे हैं।
अगस्त, 2022 में पकड़ा गया सहारनपुर में जैश का नदीम, फतेहपुर का हबीबुल और आजमगढ़ का ISI से जुड़ा सबाउद्दीन इसी राह पर चल रहे थे। वहीं अप्रैल, 2022 में गोरखपुर से गिरफ्तार मुर्तजा ने भी मानव बम की ऑनलाइन ट्रेनिंग ली थी। उसने पुलिस पर लोन वुल्फ अटैक किया था। ये सभी ऑनलाइन चाकू से हमला, बम धमाके और गोली मारने से लेकर मानव बम तक की ट्रेनिंग ले चुके थे।
एटीएस सूत्रों के मुताबिक, आतंकी संगठन से जुड़े लोग सोशल मीडिया का कट्टरपंथ फैलाने इस्तेमाल कर रहे हैं। पिछले दिनों पकड़े गए रिजवान और सद्दाम के पास से मिले मोबाइल फोन का डाटा इसका सबूत है। उनकी गैलरी में बुरहान वानी, जाकिर मूसा और ओसामा बिन लादेन के साथ ही कई तमाम कश्मीर और आतंकी घटनाओं के वीडियो हैं। जिसमें लोगों को कौम के नाम पर भड़काया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, पीएफआई आजकल नौजवानों का एक संगठन यूपी में खड़ा करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए पीएफआई के एजेंट उन्हें सरकार की नीतियों के खिलाफ भड़का कर ब्रेन वॉश कर रहे हैं। साथ ही सोशल मीडिया के जरिए बेरोजगारी, धर्म से जुड़े लोगों पर पुलिस के माध्यम से मरवाने और धार्मिक स्थलों पर कब्जा करने जैसे मुद्दों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं।
इसके लिए संगठन ने टेक्नोक्रेट सोशल मीडिया नाम का सेल तैयार किया था। इससे जुड़े सदस्य कई यू-ट्यूब न्यूज चैनल और 350 से अधिक सोशल मीडिया ग्रुप चला रहे हैं।
गजवा-ए-हिंद का नारा बुलंद कर प्रदेश में धमाके और माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। पिछले दिनों पकड़े गए मो. आबिद के पास से गजवा-ए-हिंद से जुड़े साहित्य के 12 सेट के साथ ही बम बनाए जाने से संबंधित दस्तावेज के 10 सेट बरामद हुए।
इन दस्तावेज में IED से संबंधित ट्रेनिंग का विवरण, ट्रेनिंग मटेरियल बुक और विस्फोटक सोर्स का विवरण दिया हुआ था। वहीं हमीरपुर राठ के फरसोलियाना निवासी मोइद हासमी के पास से दो किताबें मिली। साथ ही अंग्रेजी में लिखे कागज थे। जिसमें (India 2047 Towards Rule of Islam in India) लिखा था।
उसने पूछताछ में बताया कि वह संगठन को मजबूत करने के लिए कई शहरों में तकरीरें कर चुका है। इसके लिए उसको पैसा मिलता था। वह जुड़ने वालों को कट्टरता का पाठ पढ़ाने के साथ बम तक बनाने की जानकारी देता था।