एसडीएम ज्योति मौर्या मामला, हरकत में आई सरकार, मनीष दुबे पाए गए दोषी; एक कॉल रिकॉर्डिंग ने बढ़ाई मुश्किलें
उत्तर प्रदेश: पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या और होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के खिलाफ हुई शिकायतों की जांच की रिपोर्ट सोमवार को डीजी होमगार्ड बिजय कुमार मौर्या को सौंप दी गई। सूत्रों की मानें तो होमगार्ड संगठन के डीआईजी रेंज प्रयागराज संतोष कुमार ने अपनी जांच में कमांडेंट मनीष दुबे को दोषी पाया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने की सिफारिश की गई है। उनको जल्द निलंबित भी किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर बरेली में चीनी मिल में तैनात पीसीएस ज्योति मौर्या के खिलाफ जांच में मिले तथ्यों से शासन को अवगत कराया जाएगा।
ध्यान रहे कि यह प्रकरण सामने आने के बाद मनीष दुबे का तबादला गाजियाबाद से महोबा कर दिया गया था। वहीं ज्योति मौर्या ने नियुक्ति विभाग को अपने खिलाफ हो रहे दुष्प्रचार को लेकर हाल ही में एक प्रत्यावेदन भी सौंपा था, जिसमें पूरे प्रकरण की जांच करा दोषियों को दंडित करने की मांग की थी। होमगार्ड विभाग की रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों के आधार पर अब नियुक्ति विभाग इस प्रकरण में आगे की जांच की रूपरेखा तय करेगा। दरअसल, ज्योति मौर्या के पति आलोक मौर्या ने होमगार्ड संगठन में शिकायत की थी कि कमांडेंट मनीष दुबे का उनकी पत्नी के साथ अफेयर चल रहा है और दोनों उनकी हत्या की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने अपनी शिकायत के साथ सुबूत के तौर पर कई व्हाट्सएप चैट, कॉल रिकॉर्ड आदि सौंपे थे। इस शिकायत के बाद डीजी होमगार्ड ने प्रयागराज के डीआईजी को जांच सौंपी थी।
सूत्रों की मानें तो आलोक मौर्या ने होमगार्ड संगठन को ज्योति मौर्या और मनीष दुबे के बीच मोबाइल पर हुई बातचीत की कुछ रिकॉर्डिंग दी है। इसमें दोनों आलोक दुबे को रास्ते से हटाने की बात कर रहे हैं। फॉरेंसिक जांच में यदि रिकॉर्डिंग सही पाई जाती है तो दोनों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।