धूमधाम से मनाया सिक्खों के आठवें गुरु का प्रकाश पर्व – श्री हरकिशन धिआइये, जिस डिठे सब दुख जाए

फतेहपुर। शहर के रेल बाजार स्थित गुरूद्वारा गुरू ग्रंथ साहिब में सिक्खों के आठवें गुरू हरकिशन साहिब का प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया गया। उपस्थित लोगों को जहां उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी वहीं गुरूद्वारा परिसर में लंगर का आयोजन भी किया गया। जिसमें उपस्थित लोगों ने पंक्ति में बैठकर लंगर का प्रसाद ग्रहण किया। सारा कार्यक्रम प्रधान सरदार पपिंदर सिंह की अगुवाई में हुआ।
ज्ञानी परमजीत सिंह ने बताया कि गुरु हरकिशन साहिब का जन्म जुलाई सावन वदी 10 (7 वां सावन) विक्रम संवत 1713 (जुलाई 1656) को कीरतपुर साहिब में सातवे गुरु पिता गुरु हरराय व माता किशन कौर के घर में हुआ था। गुरु हरराय जी ने 1661 में गुरु हरकिशन साहिब जी को आठवी पातशाही के रूप में गुरु गद्दी सौंपी। मात्र पांच वर्ष की अल्प आयु में सिखों के आठवें गुरु के रूप में गुरु हरकिशन साहिब जी गुरु गद्दी में विराजमान हुए। बहुत ही कम समय में गुरू हरकिशन साहिब जी ने सामान्य जनता के साथ अपने मित्रतापूर्ण व्यवहार से राजधानी दिल्ली में लोगों में लोकप्रियता हासिल की। इसी दौरान दिल्ली में हैजा और चेचक जैसी बीमारियों का प्रकोप महामारी लेकर आया। मुगल राज जनता के प्रति असंवेदनशील था जात-पात व ऊंच-नीच को दरनिकार करते हुए गुरु साहिब ने सभी भारतीय जनों की सेवा का अभियान चलाया। खासकर दिल्ली में रहे वाले मुस्लिम उनकी मानवता की सेवा से बहुत प्रभावित हुए एवं उनको बाला-पीर कहकर पुकारने लगे। जन भावना एवम परिस्थितियों को देखते हुए औरंगजेब भी उन्हें परेशान नहीं कर सका। दिन-रात महामारी से ग्रस्त लोगों की सेवा करते करते गुरु साहिब अपने आप भी तेज ज्वर से पीड़ित हो गये। छोटी माता के अचानक प्रकोप ने उन्हें कई दिनों तक बिस्तर से बांध दिया। जब उनकी हालत कुछ ज्यादा ही गंभीर हो गयी तो उन्होंने अपनी माता को अपने पास बुलाया और कहा कि उनका अन्त अब निकट है। जब लोगों ने कहा कि अब गुरु गद्दी पर कौन बैठेगा तो उन्हें अपने उत्तराधिकारी के लिए केवल बाबा-बकाला का नाम लिया। यह शब्द केवल भविष्य गुरु, गुरु तेगबहादुर साहिब, जो कि पंजाब में व्यास नदी के किनारे स्थित बकाला गांव में रह रहे थे उसके लिए प्रयोग किया था जो बाद में गुरु गद्दी पर बैठे और नवमी पादशाही बने। गुरूद्वारा में पाठ की सम्पत्ति, कीर्तन व गुरु प्रसाद का वितरण हुआ। गुरुद्वारे साहिब लाभ सिंह, वरिंदर सिंह पवि, जसवीर सिंह, संतोष सिंह, सतनाम सिंह, रिंकु, जतिंदर पाल सिंह, सरनपाल सिंह, सतपाल सिंह, गुरमीत सिंह, परमिंदर सिंह सोनी, डॉक्टर अनुराग श्रीवास्तव, महिलाओं में हरजीत कौर, हरविंदर कौर, परमीत कौर, जसवीर कौर, खुशी, सुखमनी आदि भक्त उपस्थित रहे।
इनसेट-
45 परिवारों को बांटी होम्योपैथिक औषधि


फतेहपुर। रेडक्रास सोसाइटी व डॉ सत्यनारायण सेवा फाउंडेशन के संयुक्त संयोजकत्व में रेडक्रास सोसाइटी के चेयरमैन डॉ अनुराग श्रीवास्तव ने आठ वर्ष की आयु में चिकनपाॅक्स पीड़ितों की सेवा करते हुए अपना जीवन न्योछावर करने वाले सिक्खों के आठवें गुरु हरिकिशन साहब की स्मृति में उनकी जयंती के अवसर पर चिकनपॉक्स से बचाव व रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने हेतु गुरुद्वारे में 45 परिवारों के सभी सदस्यों को होम्योपैथिक औषधि का वितरण किया। साथ ही डॉ अनुराग ने स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की बात कही। इस अवसर पर ज्ञानी जी, प्रधान पपिंदर सिंह, गुरमीत सिंह सहित सभी भक्त उपस्थित रहे।

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