कुलदीप जघीना हत्याकांड पार्ट- 2 भाजपा नेता के हत्यारे के मर्डर में पुलिसवालों के बेटे शामिल; पढ़े पूरी ख़बर

 

राजस्थान के भरतपुर में अमोली टोल पर कृपाल हत्याकांड के आरोपी कुलदीप की रोडवेज बस में हत्या मामले में रोज चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। कुलदीप की हत्या करने में दो पुलिसकर्मियों के तीन बेटे भी शामिल हैं।

इनमें से दो ने कुलदीप की रेकी की थी। तीसरे ने बस में घुसकर गोलियां बरसाई थीं। ये भाजपा नेता कृपाल के छोटे भाई और पुलिसकर्मी रविंद्र का बेटा है।

हत्याकांड के तार जयपुर से भी जुड़ रहे हैं, क्योंकि सिंधी कैंप बस स्टैंड से ही एक कार ने रोडवेज बस का पीछा करना शुरू कर दिया था।

बस में बैठे कुलदीप ने पीछा करते हुए क्रेटा कार को देख लिया था और चालानी गार्डों को बताया भी था, लेकिन कुलदीप और विजयपाल को हथकड़ियों से बांध पुलिसकर्मी केबिन में जाकर बैठ गए थे।

उस बस में सवार एक महिला ने एक्सक्लूसिव जानकारी दी है कि कुलदीप ने एक सवारी का फोन लेकर पुलिस कंट्रोल रूम और 100 नंबर भी कॉलकर जाप्ता मांगा था। इसके थोड़ी ही देर बाद उसकी हत्या कर दी गई।

कुलदीप हत्याकांड की अमोली टोल से पड़ताल करने के बाद हमें बस में सवार ऐसे प्रत्यक्षदर्शियों की तलाश थी जो घटनाक्रम के दौरान अंदर मौजूद था।

सूत्रों से जानकारी जुटाते हुए हमारी मुलाकात एक महिला कुसुम (40) से हुई। कुसुम 12 जुलाई को जयपुर के सिंधी कैंप से उसी रोडवेज बस (बस नंबर RJ-14 PE 4364) में बैठी थी, जिसमें कुलदीप जघीना को 7 पुलिसकर्मी लेकर आ रहे थे। कुसुम अभी भी उस घटना को लेकर सहमी हुई है।

बात करते हुए कुसुम ने बताया कि 12 जुलाई को सुबह वह बस से जयपुर से भरतपुर आ रही थी। वह जिस सीट पर बैठी थी उसके पीछे कई पुलिसवाले थे और उनके साथ दो बदमाश थे।

पुलिसवालों ने बदमाशों के हाथ ऊपर सामान रखने वाली ग्रिल से बांध दिए। कुछ देर तक तो पुलिसकर्मी वहां उन बदमाशों के पास ही बैठे थे, लेकिन जैसे ही बस चली, वे सारे आगे की तरफ जाकर केबिन में बैठ गए।

 

कुसुम ने बताया कि जयपुर से निकलने के बाद एक क्रेटा कार बस का पीछा कर रही थी। कुसुम का कहना है कि गाड़ी पीछे आने पर एक बदमाश (कुलदीप) ने पुलिसकर्मियों को चिल्लाते हुए बोला था कि बस का पीछा हो रहा है।

मेरी हत्या हो सकती है, लेकिन पुलिसकर्मियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। दोनों बदमाश बार-बार पीछे मुड़कर देख रहे थे। दोनों ने कई बार पुलिसकर्मियों को आवाज लगाकर बोला था कि हमें मार देंगे, ये गाड़ी भरतपुर की है।

इस बीच एक बदमाश (कुलदीप) ने एक यात्री का मोबाइल लेकर कहीं कॉल भी किया था। वह बता रहा था कि एक कार बस का पीछा कर रही है। उसकी हत्या हो सकती है। बस के लिए पुलिस का जाप्ता भेजा जाए। बदमाश इतना घबराया हुआ था कि आस-पास के बाकी यात्री भी ये सारा माजरा देख रहे थे।

हां, इतना जरूर है कि भरतपुर की सीमा शुरू हुई तो एक पुलिस की जीप बस के आगे चलने लगी थी, लेकिन इससे पहले एक संदिग्ध शख्स (विष्णु) महुआ से उसी बस में चढ़ चुका था।

कुसुम ने बताया कि वह बस में आगे गेट के पास ही बैठी हुई थी, जहां से सवारियां चढ़ती हैं। बस जब अमोली टोल प्लाजा पर पहुंची तो पहले दो बदमाश पिस्टल लिए गेट पर आए थे।

फिर बस में बैठे पुलिसकर्मियों ने ही दरवाजा खोला। अंदर घुसे एक बदमाश ने ड्राइवर को धमकी दी कि बस को भगाया तो मार देंगे। फिर सभी यात्रियों को धमकी दी कि चुपचाप बैठे रहो।

महिला ने हमें बताया कि बस में 4-5 बदमाश अंदर चढ़ चुके थे। एक बदमाश ने कुलदीप से गाली-गलौज शुरू कर दी।

दोनों के बीच में बहस भी हुई थी। इसके बाद उन बदमाशों ने हथियार निकाल कर कुलदीप और विजयपाल पर फायरिंग शुरू कर दी थी। ये देखकर बस में बैठे सभी यात्री घबरा गए थे।

सारे लोग सीटों में नीचे की ओर छुप गए थे। पुलिसकर्मी भी केबिन में छुप गए थे। इतनी देर में तो बदमाशों ने कुलदीप और विजयपाल पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दी थी। कुलदीप बिल्कुल सामने ही बैठा था और विजयपाल साइड़ में था। इसीलिए कुलदीप को ज्यादा गोलियां लगी थी। ऐसा लग रहा था कि बदमाशों का बड़ा टारगेट कुलदीप ही था।

बस में काफी संख्या में पुरुष, महिलाएं व बच्चे बैठे हुए थे। बदमाश बस में खड़े होकर अंधाधुंध गोली बरसा रहे थे। हथियारों से बुलेट निकल रहे थे तो नीचे कारतूस गिर रहे थे।

लोग डर से चिल्ला रहे थे। तेज धमाकों की आवाज से बच्चों-महिलाओं में चीख-पुकार मच गई। कुसुम ने बताया वे खुद सीट के नीचे छिप गईं।

कुलदीप को 8 से 10 गोली मारी गई थी। वे बिल्कुल कुलदीप के नजदीक ही थे। पहली गोली सिर में सामने से मारी गई थी। फिर दूसरी गोली सीने में।

कुलदीप के नीचे गिरने के बाद भी वे फायरिंग करते रहे। गोली मारने के बाद एक बदमाश बस में चिल्लाने लगा कि ताऊ कृपाल की हत्या के बदले की प्यास बुझा दी है। वे बोल रहे थे बदलापुर…बदलापुर। हमारा बदला पूरा हो गया। बदमाशों के जाने के बाद बस में जो पुलिसकर्मी थे उन्होंने घायल कुलदीप को बाहर निकाला। ​​​​​​हमले में ​विजयपाल बच गया था, लेकिन उसके कंधे से खून निकल रहा था।

कुलदीप को बस में जिस आरोपी पंकज ने गोली मारी थी उसके पिता रविंद्र भरतपुर के सेवर थाने में पोस्टेड हैं। रविंद्र भाजपा नेता कृपाल का ही छोटा भाई है। कुलदीप हत्याकांड में कृपाल के बेटे आदित्य और रविंद्र के बेटे पंकज पर आरोप लग रहे हैं। फिलहाल ये दोनों ही फरार हैं।

भरतपुर पुलिस ने कुलदीप हत्याकांड में एक दिन पहले दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों ने ही कुलदीप की पूरी रेकी की थी।

पुलिस ने आगरा से अमनदीप जाट और कुलदीप जाट को गिरफ्तार किया है। चौंकाने वाली बात तो ये है कि इन दोनों के पिता पुष्कर सिंह भी पुलिस में है।

वे अभी हलैना थाने में पोस्टेड हैं। कुलदीप की हत्या भी हलैना थाना इलाके में ही की गई थी। अमनदीप और कुलदीप उसी क्रेटा गाड़ी में थे जिसमें बस का पीछा किया जा रहा था। पुलिस इन दोनों के पास से क्रेटा गाड़ी को बरामद कर लिया है।

भरतपुर एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि कुलदीप की हत्या में करीब 13 बदमाशों की पहचान कर ली गई है। पुलिस ने रोबिन जाट निवासी अलाउद्दीन कालोनी कोतवाली, पंकज जाट निवासी चार धोक जघीना उद्योगनगर, लोकेंद्र उर्फ लोकी गुर्जर निवासी मालीपुरा,सेवर, देवेंद्र जाट निवासी पपरेरा-कुम्हेर पर 25-25 हजार रुपए इनाम की घोषणा की है।

पुलिस ने सौरव व धर्मराज जाट, विष्णु, बबलू को पुलिस रिमांड पर ले रखा है। कुलदीप हत्याकांड में भरतपुर के हलैना थाना व रुदावल थाने में 3 केस दर्ज किए गए हैं।

भरतपुर एसपी मृदुल कच्छावा ने आरोपी पंकज के पिता रविंद्र को सेवर थाने से हटा कर पुलिस लाइन में ट्रांसफर कर दिया है।

उन्होंने कहा कि वारदात में जो भी शामिल होंगे। किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। चाहे वे पुलिसकर्मी भी क्यों ना हो। पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।

मृतक कुलदीप जघीना के चाचा सुभाष चौधरी ने कहा कि हत्याकांड में कुछ पुलिसकर्मियों की भी भूमिका संदिग्ध है। कई नाम और भी सामने आ सकते है। ऐसे में इन पुलिसकर्मियों को तत्काल सस्पेंड करना चाहिए ताकि ये पुलिस की जांच को प्रभावित नहीं कर सकें।

ये सबूतों को भी मिटा सकते हैं। कुलदीप की हत्या में जिन भी पुलिसकर्मियों के परिचितों के नाम सामने आ रहे हैं। उन्हें हटाया जाना चाहिए। तभी निष्पक्ष जांच हो सकती है।

अब इस हत्याकांड को लेकर तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। कुलदीप के परिजनों की ओर से दर्ज एफआईआर में कृपाल सिंह जघीना के चार परिजनों सहित 15 आरोपियों के नाम हैं।

इनमें से पुलिस ने 13 लोगों की पहचान की है। इनमें एक महुआ से बस में बैठा था। जबकि, तीन बाइक पर तीन-तीन की संख्या में कुल 9 लोग टोल प्लाजा पर आए थे। दो बदमाश बलेनो कार में थे। वहीं 13वां आरोपी क्रेटा कार चला रहा था।

अभी तक पुलिस ने इनमें से 4 बदमाशों विष्णु जाट, बबलू गुर्जर, धर्मराज और सौरभ को पकड़ा है। वहीं, आगरा से अमनदीप और कुलदीप को गिरफ्तार किया है। देवेन्द्र, रोबिन, पंकज और लोकेन्द्र उर्फ लोकी पर 25 हजार का ईनाम घोषित किया है। इसमें 3 आरोपी अज्ञात हैं। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।

 

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