भोपाल के करीब पर्यटन स्थल महादेवपानी पर तीन लड़के तेज बहाव में बह गए। इनमें से दो को पहले बचा लिया गया, जबकि एक लापता नाबालिग का शव सोमवार तड़के 3 बजे मिला। शव को एसडीआरएफ की टीम ने पुलिया से करीब 200 मीटर दूर से रिकवर किया।
मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से में मानसून शिफ्ट हो गया है। इससे यहां अगले दो-तीन दिन तक तेज बारिश का दौर जारी रहेगा। सोमवार को प्रदेश के 9 जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट है। इनमें सिंगरौली, सतना, डिंडोरी, कटनी, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना और छतरपुर शामिल हैं। यहां 24 घंटे में 8 इंच से ज्यादा बारिश हो सकती है। जबलपुर, छिंदवाड़ा, सागर समेत 19 जिलों में भारी बारिश हो सकती है।
प्रदेश में अभी तीन सिस्टम एक्टिव हैं। ये प्रदेश को भिगो रहे हैं। सीनियर मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि बारिश का दौर अभी जारी रहेगा। ट्रफ लाइन और साइकोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव होने से ऐसा हो रहा है।
भोपाल के करीब पर्यटन स्थल महादेवपानी पर तीन लड़के तेज बहाव में बह गए। SDERF भोपाल के प्लाटून कमांडर जेएल कोठारी ने बताया कि 15 साल का लड़का लापता था। मौके से दो बाइक मिली थी। ये दोनों बाइक पानी में फंसी थी, जिन्हें बाहर निकाला गया। रायसेन कलेक्टर अरविंद दुबे और SP विकास कुमार शाहवाल भी मौके पर पहुंचे।
जिंदा बचाए गए शुभम सोनी नाम के लड़के ने बताया कि हम तीन दोस्त ईंटखेड़ी छाप से आए थे। पानी का बहाव नहीं होने के पहले हम वहां बैठे थे। अचानक से पानी का बहाव तेज हो गया। मेरा दोस्त बह गया। मैंने पेड़ पकड़ लिया था। मैं और अभिषेक बच गए, लेकिन विधान सेन (15) बह गया था। वह 10वीं में पढ़ता था।
मध्यप्रदेश के कई इलाकों में हो रही बारिश से नदी नाले उफान पर आ गए। सागर में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन गई। निचले इलाकों में पानी भर गया। नर्मदा, शिवना, क्षिप्रा, ताप्ती, बेतवा और रायसेन की बीना समेत कई नदियां का जलस्तर बढ़ गया है। टीकमगढ़ में धसान नदी पर बने बान-सुजारा बांध के गेट खोल कर पानी छोड़ा गया। वहीं, बैतूल के सारणी में सतपुड़ा बांध के पांच गेट खोलने पड़े। देवास जिले के नेमावर थाने पर पदस्थ टीआई राजाराम वास्कले की रविवार को नदी में डूबने से मौत हो गई। भोपाल समेत कई जिलों में बारिश का दौर जारी रहा। भोपाल में सुबह से बूंदाबांदी होती रही। शाम को 4 बजे के बाद तेज बारिश शुरू हो गई। देर रात तक प्रदेश के कई जिलों में बारिश का दौर चलता रहा।
IMD भोपाल के मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 1 जून से अब तक 14% बारिश ज्यादा हो चुकी है। पूर्वी मध्यप्रदेश में औसत से 9% अधिक और पश्चिमी मध्यप्रदेश में औसत से 20% अधिक बारिश हो चुकी है।