संवाददाता ओमप्रकाश गौतम की रिपोर्ट
अतर्रा/बांदा। लगभग एक सप्ताह से अतर्रा अधिवक्ता संघ एवं उपजिलाधिकारी अतर्रा के बीच मान और सम्मान को लेकर चल रहा प्रकरण थमने की बजाय गति पकता जा रहा है। शनिवार के दिन अधिवक्ता संघ की आम सभा की बैठक में लिए गए निर्णय के क्रम में सोमवार के दिन तहसील के समस्त अधिवक्ताओं ने उपजिलाधिकारी न्यायालय के बाहर प्रदर्शन कर तीन घंटे तक धरना दिया।
अधिवक्ता संघ तहसील अतर्रा के अध्यक्ष शिव नंदन यादव व महासचिव नरेंद्र कुमार शुक्ला ने धरने के दौरान बताया कि लगभग एक सप्ताह पूर्व उपजिलाधिकारी अतर्रा नमन मेहता व्दारा अधिवक्ताओं से उचित कार्य व्यवहार न करने को लेकर अधिवक्ताओं व्दारा उनके राजस्व न्यायालय का बीते कई दिनों से बहिष्कार किया जा रहा है। इसके बावजूद भी उपजिलाधिकारी व्दारा न्यायालय में बैठ राजस्व से संबंधित निर्णय लिए गये है। जो अधिवक्ताओं के अवगत कराने के बाद भी उनकी मान सम्मान से जुड़ा मामला है। महासचिव नरेंद्र कुमार शुक्ला ने बताया कि शनिवार के दिन अधिवक्ता संघ की आम सभा में निर्णय लिया गया था कि जब तक उपजिलाधिकारी अतर्रा नमन मेहता का अन्य जगह स्थानान्तरण नहीं हो जाता तब तक समस्त राजस्व न्यायालयों का बहिष्कार जारी रहे गा। और इसी क्रम में सोमवार के दिन उपजिलाधिकारी के न्यायालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया है। हांलांकि धरने में बैठे अधिवक्ताओं के बीच न्यायालय से बाहर निकल उपजिलाधिकारी नमन मेहता पहुंच अपनी बात कह कर सामजस्य बनाने का प्रयास किया गया। जिसे अधिवक्ताओं ने उनकी बात को खारिज करते हुए कहा कि आम सभा की बैठक बुला कर सभी अधिवक्ताओं की सहमत से जो निर्णय लिया जायेगा वह मान्य होगा। न्यायालय संचालन के सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी नमन मेहता ने बताया कि शासन के निर्देश पर निर्धारित समय पर न्यायालय की कार्यवाही की गई है। जिसकी जानकारी से प्रतिदिन शासन को अवगत कराना पड़ता है। धरने के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता अमर सिंह राठौर, पुरूषोत्तम पाण्डेय, अरविंद पाण्डेय, विवेक विंदू तिवारी, उमाशंकर त्रिपाठी, लवकुश गुप्ता, भागीरथ पाण्डेय, राजेश, मनीष, विनय मिश्रा, मनोज द्विवेदी ,मनोज श्रीवास्तव, वृजमोहन सिंह राठौर, संतोष द्विवेदी, राजेन्द्र शुक्ला, नंद किशोर कुशवाहा आदि सैकड़ों वरिष्ठ व कनिष्ठ अधिवक्ता उपस्थित रहे।